अमेरिकी प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल इकोनॉमी को जो शॉक ट्रीटमेंट दिया है उसकी मार से ऑयल लॉबी भी नहीं बच पा रही है। हालांकि क्रूड ऑयल में लगातार गिरावट के बाद मामूली रिकवरी आई है लेकिन ट्रेड वॉर, स्लोडाउन का खतरा और एनर्जी ट्रेड के रास्ते में नए बैरिकेड लग जाने के कारण तेल का खेल खराब हो जाने के हालात बन रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंकर गोल्डमैन सैक्स ने एक रिसर्च नोट में कहा है कि यदि हालात बहुत खराब होते हैं तो ब्रेंटक्रूड 40 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे फिसल सकता है। आगे कहा है कि एक ओर ट्रेड वॉर भडक़ रहा है दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट में ऑइल की सप्लाई बढ़ रही है। ट्रंप ड्रिल बेबी ड्रिल...का नारा दे चुके हैं। गोल्डमैन सैक्स की यूलिया ग्रिग्सबी सहित 7 एनेलिस्ट्स ने इस नोट में कहा ग्लोबल जीडीपी में कमी और ओपेक+ की प्रॉडक्शन घटाने के प्लान जैसे दो बड़े कारण हैं जो ऑइल के डायनामिक्स तय करेंगे। हमारा अनुमान है कि 2026 के अंत में ब्रेंटक्रूड 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर जाएगा। गोल्डमैन सैक्स की ही तरह मॉर्गन स्टेनली और सोसाइटी जेनरेल एसए सहित बैंकों ने ऑइस प्राइस के आउटलुक में कटौती की है। गोल्डमैन के एनेलिस्ट्स ने कहा है कि पिछले दिसंबर में ब्रेंट क्रूड 58 डॉलर प्रति बैरल और अगले साल मार्च-अप्रेल में 50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा।