हाल ही आए बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम टेक्स फ्री हो गई। रिसर्च डेटा कहता है कि भारत में 10 हजार डॉलर यानी 8.50 लाख रुपये इनकम वाले परिवार तेजी से बढ़ रहे हैं और 2027 तक ये पूरे 10 करोड़ हो जाएंगे। यानी देश में एफ्लूएंट ना सही लेकिन एस्पिरेशनल सोसायटी का सनराइज हो रहा है। इसी एस्पिरेशनल सोसायटी में हेनरी शामिल होते हैं। हेनरी यानी High Earner, Not Yet Rich..और ये हेनरी देश के मेट्रो से लेकर टियर 2 और टियर 3 शहरों तक में फैले हुए हैं। गोल्डमैन सैक्स की द राइज ऑफ एफ्लूएंट इंडिया रिपोर्ट कहती है कि भारत में 10 हजार डॉलर की कमाई वाले 6 करोड़ लोग हैं और इतने बड़े कस्टमर बेस को साधने के लिए दुनियाभर की लक्जरी कंपनियां भारत आने के लिए मैराथन दौड़ रही हैं। लक्जरी शूज से लेकर वॉच और एक्सैसरी तक का एक सर्जिंग मार्केट तैयार हो रहा है लेकिन इन कस्टमर तक पहुंचने के लिए ग्लोबल लक्जरी ब्रांड्स ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का रास्ता पकड़ रहे हैं। एनेलिस्ट कहते हैं कि पहले लक्जरी केवल अमीर ही खरीद पाते थे लेकिन अब मिडल क्लास वाले हेनरी और एस्पायरिंग इंडियन भी इन पर मोटा खर्च कर रहे हैं। हेनरी ऐसे लोगों का ग्रुप है जो भले ही अमीर नहीं हैं लेकिन एक्सपीरियंस की तलाश में रहते हैं। हेनरी ही वो लोग है जो ग्लोबल आउटलुक वाले हैं। इनमें बड़ी तादाद जेन•ाी की है जो स्टार्टअप कल्चर में पगे हैं। रियल एस्टेट मार्केट की रिपोर्ट कहती हैं कि लक्जरी हाउसिंग में जेन•ा़ी का दखल बहुत तेजी से बढ़ रहा है और हेनरी के साथ जेन•ाी का मेल भारत के लक्जरी के नए गढ़ के रूप में आकार दे रहा है। हाल ही टाटा क्लिक लक्जरी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी लक्जरी सेल्स में 55 परसेंट से ज्यादा शेयर नॉन-मेट्रो शहरों का है। फेस्टिव सीजन के मौके पर बल्गारी जैसे दिग्गज लक्जरी फैशन हाउस ने टाटा क्लिक के साथ डिस्ट्रीब्यूशन डील की थी। आजियो लक्स जैसे ऑनलाइन लक्जरी प्लेटफॉर्म के आने से लक्जरी ब्रांड्स को अपना डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बढ़ाने में मदद मिल रही है। जेन •ाी और जेन अल्फा लक्जरी ब्रांड्स के लिए सबसे बड़ा टार्गेट ग्रुप है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 12 हजार डॉलर से ज्यादा यानी करीब 10 लाख रुपये की इनकम पर टेक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या 2019 से 2023 के बीच 19 परसेंट की सीएजीआर से बढ़ी है।
