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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-05-2025

डाबर चाय, डायपर, सैनिटाइजर उत्पादों की बिक्री बंद करने की तैयारी में

  •  रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया खराब प्रदर्शन को देखते हुए चाय, बच्चों के डायपर और सैनिटाइजिंग उत्पादों की बिक्री बंद करेगी। कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि खराब प्रदर्शन कर रहे उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने की पहल के तहत कंपनी चाय, बुजुर्गों एवं बच्चों के डायपर और सैनिटाइजिंग श्रेणियों से बाहर होने जा रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2027-28 तक राजस्व एवं मुनाफे में दहाई अंक की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए अपनी रणनीति पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, जो इसकी मुख्य ताकत पर आधारित है  उन्होंने तिमाही नतीजों पर विश्लेषकों के साथ चर्चा में कहा कि डाबर बड़े दांव पर पूंजी लगाने के लिए ‘‘कम प्रदर्शन करने वाले उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने जा रही है। इसके कुछ उदाहरण वैदिक चाय, वयस्क और शिशु डायपर और डाबर वीटा हैं। ये खंड डाबर के राजस्व में एक प्रतिशत से भी कम का योगदान देते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का कुल राजस्व 13,113.19 करोड़ रुपये था। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हम इन श्रेणियों से बाहर निकलेंगे और उन बड़े खंडों में हिस्सेदारी पर ध्यान केंद्रित करेंगे, हम अपने मुख्य पोर्टफोलियो पर निवेश करेंगे।’’

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डाबर चाय, डायपर, सैनिटाइजर उत्पादों की बिक्री बंद करने की तैयारी में

 रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया खराब प्रदर्शन को देखते हुए चाय, बच्चों के डायपर और सैनिटाइजिंग उत्पादों की बिक्री बंद करेगी। कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने कहा कि खराब प्रदर्शन कर रहे उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने की पहल के तहत कंपनी चाय, बुजुर्गों एवं बच्चों के डायपर और सैनिटाइजिंग श्रेणियों से बाहर होने जा रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2027-28 तक राजस्व एवं मुनाफे में दहाई अंक की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य रखते हुए अपनी रणनीति पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है, जो इसकी मुख्य ताकत पर आधारित है  उन्होंने तिमाही नतीजों पर विश्लेषकों के साथ चर्चा में कहा कि डाबर बड़े दांव पर पूंजी लगाने के लिए ‘‘कम प्रदर्शन करने वाले उत्पादों को युक्तिसंगत बनाने जा रही है। इसके कुछ उदाहरण वैदिक चाय, वयस्क और शिशु डायपर और डाबर वीटा हैं। ये खंड डाबर के राजस्व में एक प्रतिशत से भी कम का योगदान देते हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का कुल राजस्व 13,113.19 करोड़ रुपये था। मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हम इन श्रेणियों से बाहर निकलेंगे और उन बड़े खंडों में हिस्सेदारी पर ध्यान केंद्रित करेंगे, हम अपने मुख्य पोर्टफोलियो पर निवेश करेंगे।’’


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