आने वाले कुछ माह में करीब 86 प्रतिशत प्रोफेशनल्स सैलरी इनक्रीमेंट के बावजूद जॉब से क्विट करने का प्लान कर रहे हैं। फाउंडइट एपे्रसल ट्रेंड्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत का इनक्रीमेंट रिसीव करने वाले एम्प्लॉइज ही जॉब स्विच का इरादा रख रहे हैं। सर्वे में करीब 5108 एम्प्लॉइज को शामिल किया गया। एपे्रसल साइकिल में करीब 74 प्रतिशत प्रोफेशनल्स को सैलरी इनक्रीमेट मिला लेकिन फिर भी यह ट्रेंड सामने आ रहा है। सर्वे में आगे बताया गया है कि अब हाई परफॉर्मिंग टेलेंट का साथ बनाये रखने के लिये सैलरी ही एकमात्र फैक्टर नहीं रह गया है। आज के दौर में ऑर्गेनाइजेशंस ग्रोथ, विजिबिलिटी, स्किल डवलपमेंट, वर्क-लाइफ बैलेंस से आगे सोचने लगी हैं। फाउंडइट के एक अधिकारी के अनुसार टेलेंट को रिटेन करने के लिये कम्पनियों को एम्प्लॉइज के साथ सतत संवाद (रेगूलर कम्यूनिकेशन) बनाये रखना होगा। अब बात यह नहीं कि सेलरी राइज देकर टेलेंट को क्विट करने से रोका जा सकता है। एनर्जी, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इन्श्योरेंस और हैल्थकेयर में संतुलित इनक्रीमेंट दिये गये। जबकि एडवरटाइजिंग सेगमेंट में प्रोफेशनल्स के लिये कोई इनक्रीमेंट नहीं दिये गये। एनर्जी सेक्टर में करीब 26 प्रतिशत पेशेवरों को 20 प्रतिशत के आसपास सैलरी इनक्रीमेंट्स दिये गये। करीब 12 इंडस्ट्रीज को सर्वे में शामिल किया गया और एनर्जी सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी राइज देखने को मिला। बीएफएसआई सेक्टर में सबसे कम इनक्रीमेंट हुए। अब बात आती है एक्सपीरियंस के आधार पर सैलरी राइज का क्या परिदृश्य रहा। तो मिड-लेवल(7-10 वर्ष के अनुभव)प्रोफेशनल्स को सबसे ज्यादा सैलरी हाइक मिला। 19 प्रतिशत को 20 प्रतिशत के करीब सैलरी जम्प मिला जबकि 4 प्रतिशत (11-15 वर्ष)सीनियर लेवल के पेशेवरों को बीस प्रतिशत सैलरी जम्प मिला। 15 वर्ष से अधिक अनुभव वाले सीनियर लेवल के एप्लॉइज को सैलरी हाइक नहीं मिला। इस श्रेणी में सबसे ज्यादा एम्प्लॉइज थे, जिन्हें राइज नहीं मिला। जॉब फंक्शंस जैसे मार्केटिंग, कम्यूनिकेशंस, सेल्स, बिजनेस डवलपमेंट सेगमेंट में सबसे ज्यादा इंडीविज्युअल्स बीस प्रतिशत से ज्यादा इनक्रीमेंट वाले रहे। एचआर, फाइनेंस, अकाउंट्स वाले रोल में इनक्रीमेंट प्राप्त न करने वाले इंडीविज्युअल्स की संख्या सबसे ज्यादा रही।