भारत और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने उत्तराखंड के टिहरी झील क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए 12.64 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य बेहतर पर्यटन योजना, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, बेहतर स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन और आपदा तैयारी के माध्यम से 87,000 से अधिक निवासियों और सालाना पहुंचने वाले 27 लाख सैलानियों को लाभ पहुंचाना है। यह परियोजना उत्तराखंड के सबसे अधिक जलवायु-संवेदनशील और आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों में से एक, टिहरी गढ़वाल जिले के लिए है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कहा कि एडीबी ऋण उत्तराखंड सरकार की उस नीति का समर्थन करता है जिसमें राज्य को एक विविध, सभी मौसमों वाले पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाना है। इसमें टिहरी झील को विकास के लिए एक प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है। एडीबी के ‘इंडिया रेजिडेंट मिशन’ के प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने कहा कि यह परियोजना एक जलविद्युत झील के आसपास स्थित स्थायी पर्यटन के एक मॉडल को प्रदर्शित करती है, जिसमें रोजगार सृजन, आय में विविधता लाने और जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता विकसित करने के लिए बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से, प्रमुख उपायों में संस्थागत सुदृढ़ीकरण, जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढांचा, भूस्खलन और बाढ़ के जोखिमों को कम करने के लिए प्रकृति-आधारित समाधान और महिलाओं, युवाओं और निजी क्षेत्र की अगुवाई में समावेशी पर्यटन सेवाएं शामिल होंगी।