सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने कहा कि लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) से भविष्य में बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर जॉब्ज को नुकसान हो सकता है। उनके मुताबिक, एलएलएम के बढऩे से एआई को इंडस्ट्रीज तेजी से अपनाएंगी। वेम्बू का बयान ऐसे समय पर आया है, जब कई बड़ी संस्थाएं एआई से जॉब्जं के जाने की चिंता व्यक्त कर चुके हैं। वेम्बू ने कहा कि मैंने अकसर अपने कर्मचारियों से यह कहा है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को मैकेनिकल इंजीनियरों या सिविल इंजीनियरों या केमिस्टों या स्कूल शिक्षकों की तुलना में बेहतर वेतन मिलता है, लेकिन यह कोई जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है और हम यह नहीं मान सकते कि यह हमेशा के लिए रहेगा। फैक्ट यह है कि ग्राहक हमारे उत्पादों के लिए भुगतान करते हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि क्षेत्र को भी डिसरप्ट किया जा सकता है। बीते महीने यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (यूएनसीटीएडी) ने कहा कि एआई से पूरी दुनिया की करीब 40 प्रतिशत तक जॉब्ज पर असर हो सकता है। वेम्बू ने कहा कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (एलएलएम + टूलींग) में आने वाली उत्पादकता क्रांति को देख पा रहा हूं जो बहुत सारी सॉफ्टवेयर नौकरियों को नष्ट कर सकती है। यह गंभीर है लेकिन इसे आत्मसात करना आवश्यक है। इस महीने की शुरुआत में जोहो ने अपनी महत्वाकांक्षी 700 मिलियन डॉलर की सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को रोक दिया था और इस दौरान कंपनी के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने कहा कि वे आगे बढऩे के लिए मौजूदा टेक्नोलॉजी को लेकर आश्वस्त नहीं थे। चिप फैब्रिकेशन एक अधिक पूंजीगत लागत वाला बिजनेस है और इसके लिए मजबूत सरकारी समर्थन की आवश्यकता है।