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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

13-12-2025

चुपके से सताने वाला डर है ‘सोशल एंग्जायटी’

  •  पार्टी, ऑफिस मीटिंग या बाजार जाना हो, अचानक घबराहट के साथ तेज धडक़न और हाथ-पैरों में पसीने के साथ दिमाग में एक ही बात घूमने लगना। अगर ऐसा आपके साथ भी होता है तो आप अकेले नहीं हैं। इसे सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर कहते हैं, जो लोगों को सताता है। ‘सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर’ से घबराने की जरुरत नहीं है। इसके छुपे संकेतों या लक्षणों को पहचानकर और कुछ आसान तरीकों से इसे पूरी तरह काबू किया जा सकता है। इस डिसऑर्डर के छुपे हुए लक्षण हैं जो ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे हाथ-पैर और माथे से अचानक पसीना छूटना, बात करते वक्त आवाज का कांपना या चेहरा लाल पड़ जाना, लोगों के सामने खाना-पीना छोड़ देना क्योंकि हाथ कांपने का डर, फोन कॉल से डरना, सिर्फ मैसेज करना पसंद करना, सालों पुरानी छोटी गलती को बार-बार याद करके खुद को कोसना, और हर छोटी बातचीत को पहले से दिमाग में तैयार करना। ये सिर्फ शर्मीलापन नहीं, बल्कि दिमाग का एक गंभीर डिसऑर्डर है, जो रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना देता है। हैल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सोशल एंग्जायटी से निपटने के लिए घर पर ही कुछ आसान उपायों को आजमाकर इसे मात दिया जा सकता है। सांस लेने की 4-7-8 टेक्निक- इसके लिए 4 सेकंड सांस लें, 7 सेकंड रोकें, और 8 सेकंड में धीरे छोड़ें। घबराहट तुरंत कम होती है। छोटे-छोटे कदम जैसे पहले किसी अजनबी से सिर्फ हाय-हैलो बोलें, फिर धीरे-धीरे बात बढ़ाएं। हर छोटी जीत को सेलिब्रेट करें। नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें, खुद को सकारात्मक रखें और खुद से पूछें, सबसे बुरा क्या हो सकता है? और 5 साल बाद क्या फर्क पड़ेगा?

    ध्यान और आसन करें- रोजाना कम से कम 5-10 मिनट माइंडफुलनेस मेडिटेशन करें, वर्तमान में रहने की प्रैक्टिस करें, रोज 30 मिनट टहलें, योग करें, 7-8 घंटे की नींद लें, और चाय-कॉफी का सेवन कम करें। इसके साथ ही अपने दोस्त या परिवार से अपनी बात शेयर करें, अकेले न रहें। लाखों लोग सोशल एंग्जायटी से पूरी तरह उबर चुके हैं। अगर बात हाथ से बाहर हो जाए तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से मदद लें। सलाह के अनुसार सीबीटी थेरेपी लें, यह समस्या में बेहद कारगर है।

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चुपके से सताने वाला डर है ‘सोशल एंग्जायटी’

 पार्टी, ऑफिस मीटिंग या बाजार जाना हो, अचानक घबराहट के साथ तेज धडक़न और हाथ-पैरों में पसीने के साथ दिमाग में एक ही बात घूमने लगना। अगर ऐसा आपके साथ भी होता है तो आप अकेले नहीं हैं। इसे सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर कहते हैं, जो लोगों को सताता है। ‘सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर’ से घबराने की जरुरत नहीं है। इसके छुपे संकेतों या लक्षणों को पहचानकर और कुछ आसान तरीकों से इसे पूरी तरह काबू किया जा सकता है। इस डिसऑर्डर के छुपे हुए लक्षण हैं जो ज्यादातर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे हाथ-पैर और माथे से अचानक पसीना छूटना, बात करते वक्त आवाज का कांपना या चेहरा लाल पड़ जाना, लोगों के सामने खाना-पीना छोड़ देना क्योंकि हाथ कांपने का डर, फोन कॉल से डरना, सिर्फ मैसेज करना पसंद करना, सालों पुरानी छोटी गलती को बार-बार याद करके खुद को कोसना, और हर छोटी बातचीत को पहले से दिमाग में तैयार करना। ये सिर्फ शर्मीलापन नहीं, बल्कि दिमाग का एक गंभीर डिसऑर्डर है, जो रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बना देता है। हैल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सोशल एंग्जायटी से निपटने के लिए घर पर ही कुछ आसान उपायों को आजमाकर इसे मात दिया जा सकता है। सांस लेने की 4-7-8 टेक्निक- इसके लिए 4 सेकंड सांस लें, 7 सेकंड रोकें, और 8 सेकंड में धीरे छोड़ें। घबराहट तुरंत कम होती है। छोटे-छोटे कदम जैसे पहले किसी अजनबी से सिर्फ हाय-हैलो बोलें, फिर धीरे-धीरे बात बढ़ाएं। हर छोटी जीत को सेलिब्रेट करें। नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें, खुद को सकारात्मक रखें और खुद से पूछें, सबसे बुरा क्या हो सकता है? और 5 साल बाद क्या फर्क पड़ेगा?

ध्यान और आसन करें- रोजाना कम से कम 5-10 मिनट माइंडफुलनेस मेडिटेशन करें, वर्तमान में रहने की प्रैक्टिस करें, रोज 30 मिनट टहलें, योग करें, 7-8 घंटे की नींद लें, और चाय-कॉफी का सेवन कम करें। इसके साथ ही अपने दोस्त या परिवार से अपनी बात शेयर करें, अकेले न रहें। लाखों लोग सोशल एंग्जायटी से पूरी तरह उबर चुके हैं। अगर बात हाथ से बाहर हो जाए तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से मदद लें। सलाह के अनुसार सीबीटी थेरेपी लें, यह समस्या में बेहद कारगर है।


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