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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-03-2025

जिन्हें समझते थे हैल्दी उन आदतों से नुकसान भी कम नहीं

  •  अति हर चीज की बुरी होती है। चाहें वो सेहत को सुधारने के लिए की गई कोशिश ही क्यों न हो? कुछ आदतें हम लोग मानते आ रहे हैं कि हमारे लिए अच्छी हैं। जैसे लो कार्ब इनटेक डाइट, एक्सरसाइज, ग्लूटेन से दूरी, वीगन होना या फिर व्रत रखना। लेकिन ऐहतियात न बरती जाए तो ये जान के लिए आफत का सबब बन सकती हैं। अंग्रेजी की मशहूर कहावत है ऑल दैट ग्लिटर्स इज नॉट गोल्ड यानि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। विशेषज्ञों की राय है कि फैशन के चक्कर में लो कार्ब डाइट को हाय नहीं कहना चाहिए! मतलब कि लो कार्ब आहार को इसलिए नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि ऐसा करके हमारा दोस्त वजन कम करने में कामयाब रहा। इसे एक्सपर्ट की सलाह से लेते रहने में ही भलाई है। फ्रंटियर्स में प्रकाशित (2021) एक स्टडी के मुताबिक कार्ब्स की सही मात्रा सेहत के लिए जरूरी होती है। कार्ब्स कम करना बेहतर सेहत की गारंटी नहीं है। ऐसा करने से आपके आहार से फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व समाप्त हो सकते हैं। कार्ब्स मस्तिष्क और मांसपेशियों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत हैं। इसे कम किया तो थकावट हो सकती है और ब्रेन की गतिविधि भी प्रभावित हो सकती है व्यायाम या वर्जिश भी बिना सोचे-समझे करना ठीक नहीं। अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक वयस्कों को सप्ताह में 150 से 300 मिनट मध्यम-तीव्रता या 75 से 150 मिनट तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। वर्कआउट के बीच पर्याप्त आराम जरूरी है। एक तथ्य ये भी है कि बहुत अधिक व्यायाम से कोर्टिसोल के स्तर (तनाव हार्मोन) में वृद्धि होती है और वजन में इजाफा हो सकता है। शोध से पता चलता है कि अगर आप अपने छुट्टी के दिनों में भी घूमना चाहते हैं, तो चलना या योग जैसे हल्के एरोबिक कार्डियो एक अच्छा विकल्प है। आजकल फास्टिंग का बहुत ट्रेंड है। वैसे तो हमारे यहां ये आत्मा और शरीर की शुद्धि से जुड़ा है लेकिन मॉर्डन युग में इसे सेहत के लिए जरूरी से ज्यादा फैशन के तौर पर लिया जा रहा है। ज्यादातर चलन इंटरमिटेंट फास्टिंग का है। 8 से 16 घंटों तक किसी सेलिब्रिटी को देख अक्सर फॉलोअर्स इसे अपना लेते हैं। लेकिन ये सही नहीं है। इनटेक एंड एडिक्येसी ऑफ द वीगन डाइट नाम से प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक एकदम से एनिमल प्रोडक्ट छोड़ वीगन होना भी ठीक नहीं। इससे कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। योजना के बिना, शाकाहारी बनने से विटामिन बी12, जिंक और कैल्शियम सहित विटामिन और खनिजों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

     
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जिन्हें समझते थे हैल्दी उन आदतों से नुकसान भी कम नहीं

 अति हर चीज की बुरी होती है। चाहें वो सेहत को सुधारने के लिए की गई कोशिश ही क्यों न हो? कुछ आदतें हम लोग मानते आ रहे हैं कि हमारे लिए अच्छी हैं। जैसे लो कार्ब इनटेक डाइट, एक्सरसाइज, ग्लूटेन से दूरी, वीगन होना या फिर व्रत रखना। लेकिन ऐहतियात न बरती जाए तो ये जान के लिए आफत का सबब बन सकती हैं। अंग्रेजी की मशहूर कहावत है ऑल दैट ग्लिटर्स इज नॉट गोल्ड यानि हर चमकती चीज सोना नहीं होती। विशेषज्ञों की राय है कि फैशन के चक्कर में लो कार्ब डाइट को हाय नहीं कहना चाहिए! मतलब कि लो कार्ब आहार को इसलिए नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि ऐसा करके हमारा दोस्त वजन कम करने में कामयाब रहा। इसे एक्सपर्ट की सलाह से लेते रहने में ही भलाई है। फ्रंटियर्स में प्रकाशित (2021) एक स्टडी के मुताबिक कार्ब्स की सही मात्रा सेहत के लिए जरूरी होती है। कार्ब्स कम करना बेहतर सेहत की गारंटी नहीं है। ऐसा करने से आपके आहार से फाइबर, विटामिन और खनिज जैसे आवश्यक पोषक तत्व समाप्त हो सकते हैं। कार्ब्स मस्तिष्क और मांसपेशियों के लिए प्राथमिक ऊर्जा स्रोत हैं। इसे कम किया तो थकावट हो सकती है और ब्रेन की गतिविधि भी प्रभावित हो सकती है व्यायाम या वर्जिश भी बिना सोचे-समझे करना ठीक नहीं। अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक वयस्कों को सप्ताह में 150 से 300 मिनट मध्यम-तीव्रता या 75 से 150 मिनट तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। वर्कआउट के बीच पर्याप्त आराम जरूरी है। एक तथ्य ये भी है कि बहुत अधिक व्यायाम से कोर्टिसोल के स्तर (तनाव हार्मोन) में वृद्धि होती है और वजन में इजाफा हो सकता है। शोध से पता चलता है कि अगर आप अपने छुट्टी के दिनों में भी घूमना चाहते हैं, तो चलना या योग जैसे हल्के एरोबिक कार्डियो एक अच्छा विकल्प है। आजकल फास्टिंग का बहुत ट्रेंड है। वैसे तो हमारे यहां ये आत्मा और शरीर की शुद्धि से जुड़ा है लेकिन मॉर्डन युग में इसे सेहत के लिए जरूरी से ज्यादा फैशन के तौर पर लिया जा रहा है। ज्यादातर चलन इंटरमिटेंट फास्टिंग का है। 8 से 16 घंटों तक किसी सेलिब्रिटी को देख अक्सर फॉलोअर्स इसे अपना लेते हैं। लेकिन ये सही नहीं है। इनटेक एंड एडिक्येसी ऑफ द वीगन डाइट नाम से प्रकाशित रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक एकदम से एनिमल प्रोडक्ट छोड़ वीगन होना भी ठीक नहीं। इससे कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। योजना के बिना, शाकाहारी बनने से विटामिन बी12, जिंक और कैल्शियम सहित विटामिन और खनिजों में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।

 

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