केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन चालित ट्रकों के संचालन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 राजमार्ग सेगमेंट की पहचान की है। गडकरी ने कहा कि इन सेगमेंट पर वाहनों में हाइड्रोजन डालने के लिए स्टेशन होंगे। हाइड्रोजन पंप की स्थापना इंडियन ऑयल और रिलायंस पेट्रोलियम करेंगी। उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और वोल्वो ने पहले ही हाइड्रोजन चालित ट्रक बनाना शुरू कर दिया है। चिन्हित राजमार्ग सेगमेंट में ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-पुरी-कोणार्क, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली, जमशेदपुर-कलिंगनगर, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि और जामनगर-अहमदाबाद आदि शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अपने बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा। गडकरी ने यह भी कहा कि भारत में हरित हाइड्रोजन का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस साल दिसंबर तक भारत की लॉजिस्टिक लागत घटकर एकल अंक में आ जाएगी। मंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि आईआईएम बेंगलोर, आईआईटी चेन्नई और आईआईटी कानपुर ने अध्ययन किए और तीनों ने कहा कि भारत की सडक़ लॉजिस्टिक लागत में छह प्रतिशत की कमी आई है। इससे पहले, भारत की लॉजिस्टिक लागत लगभग 14-16 प्रतिशत थी, जबकि चीन में यह आठ प्रतिशत और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में 12 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच साल में भारत के वाहन उद्योग को दुनिया में अव्वल बनाना है।