सरकार ने वन (संरक्षण एवं संवर्धन) नियम, 2023 में संशोधन किया है जिससे महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के लिए एक औपचारिक श्रेणी बनाई जा सके। इस संशोधन के तहत अब राष्ट्रीय और रणनीतिक महत्व के मामलों में ऑफलाइन आवेदन करने की अनुमति दी गई है। साथ ही, कुछ परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले ही कार्य शुरू करने की छूट भी दी गई है। इस नियम में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके अनुसार ये नियम उन ‘महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों’ पर लागू होंगे जो खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की प्रथम अनुसूची में सूचीबद्ध हैं। साथ ही सातवीं अनुसूची और परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत अधिसूचित खनिजों पर भी लागू होंगे। जो खनिज महत्वपूर्ण और रणनीतिक सूची में शामिल नहीं हैं और जिन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में वन आवरण 33 प्रतिशत से कम है वहां वन भूमि के अन्य उपयोग में परिवर्तित करने की स्थिति में उक्त भूमि के तीन गुणा क्षेत्र में पौधारोपण करना होगा। सरकार द्वारा 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अब नियमों के तहत उपयोगकर्ता एजेंसियां ‘‘रक्षा, रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व’ ’वाली परियोजनाओं के लिए या ‘‘सार्वजनिक हित या अति आवाश्यक परिस्थितियों’’ में ऑफलाइन प्रस्ताव जमा कर सकती हैं।