सरकार ने कहा कि एक सितंबर से चांदी के गहनों और अन्य वस्तुओं के लिए वोलंटरी हॉलमार्किंग शुरू की गयी है। इससे उपभोक्ताओं के लिए धातु की शुद्धता सुनिश्चित करने को लेकर एक डिजिटल पहचान प्रणाली लागू की जाएगी। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने आईएस 2112:2025 के प्रकाशन के साथ अपने हॉलमार्किंग मानक को संशोधित किया है। यह पहले के आईएस 2112:2014 संस्करण का स्थान लेगा। इस संशोधन के साथ चांदी के आभूषणों और अन्य वस्तुओं के लिए हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी)-आधारित हॉलमार्किंग शुरू की गई है। इससे पता लगाने की क्षमता में वृद्धि हुई है और यह मौजूदा स्वर्ण हॉलमार्किंग प्रणाली के अनुरूप है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नई प्रणाली के तहत, उपभोक्ता बीआईएस केयर मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके एक सितंबर, 2025 के बाद हॉलमार्क किए गए चांदी के आभूषणों के प्रकार, शुद्धता ग्रेड, हॉलमार्किंग तिथि, परीक्षण केंद्र का विवरण और जौहरी पंजीकरण संख्या की पहचान कर सकते हैं। संशोधित मानक में सात शुद्धता ग्रेड... 800, 835, 925, 958, 970, 990 और 999... शामिल किए गए हैं। इनमें 958 और 999 ग्रेड नए जोड़े गए हैं। हॉलमार्क में तीन घटक होते हैं: सिल्वर शब्द वाला बीआईएस मानक चिह्न, शुद्धता ग्रेड और एचयूआईडी कोड। देश में वर्तमान में चांदी के आभूषणों के परीक्षण के लिए बीआईएस द्वारा मान्यता प्राप्त 87 जिलों लगभग 230 गुणवत्ता जांच और हॉलमार्किंग केंद्र हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में, 32 लाख से अधिक चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई।