गुंटूर मंड़ी में फिलहाल गर्मियों की छुट्टिïयां चल रही हैं। इसकी वजह से बाजार में लालमिर्च की आपूर्ति तथा उपलब्धता प्रभावित होने के आसार हैं। अत: आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च में मजबूती ही बनी रह सकती है। आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंड़ी में एक महीने की गर्मियों की छुट्टिïयां चल रही हैं। वहां पर 12 जून से कामकाज सामान्य होने की उम्मीद है। इससे पूर्व वहां लालमिर्च की दैनिक आवक घटकर करीब एक लाख बोरियों की होने की जानकारी मिली थी। हालांकि इससे पूर्व वहां इसकी करीब 1.25-1.30 लाख बोरियों की होने की सूचनाएं आ रही थी। आवक में आई इस नवीनतम कमी की वजह से हाजिर थोक बाजार में थोड़ी हलचल भी होनी शुरू हुई थी। इस बार फसल की बुआई तुलनात्मक रूप से नीची हुई थी लेकिन मौसम का अनुकूल समर्थन मिलने और औसत उत्पादकता अच्छी आने से उत्पादन अच्छा होने का अनुमान है। बहरहाल, इससे पूर्व देश के शीर्ष लालमिर्च उत्पादक राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, के कई क्षेत्रों में पूर्व में भारी वर्षा होने तथा बाढ़ आने की खबरें मिली थी। कीमत तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने के बाद भी आंध्र प्रदेश समेत अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों के किसानों ने अपनी लालमिर्च फसल की तेजी से बिक्री कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह हो सकता है कि उन्हें इसमें और मंदी आने की आशंका सता रही हो। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लालमिर्च में हाल ही में 500 रुपए तेज होकर फिलहाल 12,000/14,500 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। हालांकि तेजा तथा फुलकट जैसी किस्मों में पिछले दिनों थोड़ी तेजी आई है। बहरहाल, छुट्टियां शुरू होने से पूर्व गुंटूर में 334 नंबर लालमिर्च फिलहाल 9500/12,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई थी। 341 नंबर 10,000/12,500 रुपए पर रुकी हुई थी। हाल ही में इसमें 500-1000 रुपए की तेजी आई थी। तेजा लालमिर्च भी फिलहाल 11,500/14,000 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली। फटकी मिर्च फिलहाल 3500/7500 रुपए पर बनी होने की सूचना मिली थी। इसी प्रकार, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी तेजा लालमिर्च फिलहाल 12/15 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बनी होने की जानकारी मिली थी। इसमें हाल ही में 300-500 रुपए की मंदी आई थी। फटकी लालमिर्च फिलहाल 4500/8500 रुपए प्रति क्विंटल पर 500 रुपए मंदी होने की जानकारी मिली थी। गुंटूर में चल रहे अवकाश के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। अत: आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्च मजबूत ही बनी रह सकती है।