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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

11-06-2025

चिरौंजी में दूर-दूर तक तेजी की गुंजाइश नही

  •  चिरौंजी का उत्पादन मध्य प्रदेश के सभी उत्पादक क्षेत्रों में दूसरी साल भी 22 प्रतिशत अधिक आने का अनुमान लगाया जा रहा है। पुराना स्टॉक भी बचा है, जिस कारण एक सप्ताह के अंतराल उत्पादक मंडियों में 50/75 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है तथा आगे भी तेजी की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है बल्कि इसमें 100/150 रुपए प्रति किलो और घटने की संभावना बन गई है। चिरौंजी की फसल लगभग डेढ़ महीने से अमरवाड़ा लाइन में आ रही है। पिछले दिनों मौसम प्रतिकूल होने से थोड़ा फसल लेट हो गई थी, लेकिन गुठली की निकासी जंगलों में अब तेजी से होने लगी है। अमरवाड़ा रायपुर लाइन में चिरौंजी के कारोबारी के गले में 1700/1750 रुपए प्रति किलो के पड़ते में पिछले महीने तक माल पहुंच गया है। जो अब 1650/1660 रुपए प्रति किलो उन मालों के भाव रह गए हैं तथा ग्राहकी के नाम पर दूर-दूर तक सन्नाटा बना हुआ है। अभी चिरौंजी में मंदे का रूख बनने से गुठली में कारोबारी थोड़ा ही खरीद रहे हैं, क्योंकि गुठली के भाव, चिरौंजी दाने की तुलना में ऊंचे चल रहे हैं। चिरौंजी का उत्पादन यूपी एमपी झारखंड एवं उड़ीसा में होता है, जिसमें मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा लाइन में 70 प्रतिशत सकल उत्पादन की उपलब्धि होती है। इस बार  अमरवाड़ा लाइन में चिरौंजी के पेड़ों पर जबरदस्त गुठली ज्यादा आई है तथा क्वालिटी भी उत्कृष्ट आई है। हम मानते हैं कि अप्रैल में मौसम खराब जरूर हुआ था, लेकिन उस बरसात से गुठली को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि दाने पुष्ट हो गए, क्योंकि पेड़ों पर लगी हुई थी। अमरवाड़ा लाइन में  चिरौंजी का उत्पादन 24-25 प्रतिशत अधिक होने का ताजा अनुमान आने लगा है। दूसरी ओर पुराना स्टाक चिरौंजी का इस बार कारोबारियों के गले में फंसा हुआ है। यही कारण है कि सीजन से लेकर अब तक तेजी की बजाय मंदा चल रहा है। गत मई माह में सौ-डेढ़ सौ रुपए घट गए थे तथा गुठली की आवक बढऩे लगी है, जिस कारण 150/200 रुपए प्रति किलो चालू माह के अंतराल और घट सकते हैं। अमरवाड़ा लाइन में एवरेज माल 1500/1550 रुपए एवं बढिय़ा माल 1700 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। दिल्ली में 1600/1800 रुपए प्रति किलो के बीच चिरौंजी का व्यापार हो रहा है। जिस तरह अमरवाड़ा लाइन में  अब तक गुठली का स्टॉक हो चुका है तथा गुठली के साइज भी इस बार चौतरफा प्रत्यक्षदर्शी अधिक बता रहे हैं, इसे देखते हुए जो माल वहां इस समय 1500 रुपए प्रति किलो नीचे में चल रहे हैं, उसके भाव नीचे में 1400 रुपए तक वहां बन सकते हैं तथा यहां भी जो चिरौंजी 1700 रुपए बिक रही है, वह 1500 रुपए तक अगले महीने नीचे में आ जाएगी। वास्तविकता यह है कि सभी कारोबारियों के पास चिरौंजी दाने का स्टॉक पड़ा हुआ है तथा 18 प्रतिशत दाल वाले माल यहां 1600 रुपए बोलने लगे हैं, आगे  शादियां बंद हो जाएंगी, त्योहारी खपत समाप्त हो गई है। अत: चिरौंजी में इस बार भी तेजी नहीं बन पाएगी। चिरौंजी का उत्पादन ढाई लाख बोरी के करीब अनुमान लगाया जा रहा है, वह इस बार 3 लाख बोरी तक पहुंच सकता है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए स्टॉक की बजाय मजूरी का काम अभी करिए। 

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चिरौंजी में दूर-दूर तक तेजी की गुंजाइश नही

 चिरौंजी का उत्पादन मध्य प्रदेश के सभी उत्पादक क्षेत्रों में दूसरी साल भी 22 प्रतिशत अधिक आने का अनुमान लगाया जा रहा है। पुराना स्टॉक भी बचा है, जिस कारण एक सप्ताह के अंतराल उत्पादक मंडियों में 50/75 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है तथा आगे भी तेजी की बिल्कुल गुंजाइश नहीं है बल्कि इसमें 100/150 रुपए प्रति किलो और घटने की संभावना बन गई है। चिरौंजी की फसल लगभग डेढ़ महीने से अमरवाड़ा लाइन में आ रही है। पिछले दिनों मौसम प्रतिकूल होने से थोड़ा फसल लेट हो गई थी, लेकिन गुठली की निकासी जंगलों में अब तेजी से होने लगी है। अमरवाड़ा रायपुर लाइन में चिरौंजी के कारोबारी के गले में 1700/1750 रुपए प्रति किलो के पड़ते में पिछले महीने तक माल पहुंच गया है। जो अब 1650/1660 रुपए प्रति किलो उन मालों के भाव रह गए हैं तथा ग्राहकी के नाम पर दूर-दूर तक सन्नाटा बना हुआ है। अभी चिरौंजी में मंदे का रूख बनने से गुठली में कारोबारी थोड़ा ही खरीद रहे हैं, क्योंकि गुठली के भाव, चिरौंजी दाने की तुलना में ऊंचे चल रहे हैं। चिरौंजी का उत्पादन यूपी एमपी झारखंड एवं उड़ीसा में होता है, जिसमें मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा लाइन में 70 प्रतिशत सकल उत्पादन की उपलब्धि होती है। इस बार  अमरवाड़ा लाइन में चिरौंजी के पेड़ों पर जबरदस्त गुठली ज्यादा आई है तथा क्वालिटी भी उत्कृष्ट आई है। हम मानते हैं कि अप्रैल में मौसम खराब जरूर हुआ था, लेकिन उस बरसात से गुठली को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि दाने पुष्ट हो गए, क्योंकि पेड़ों पर लगी हुई थी। अमरवाड़ा लाइन में  चिरौंजी का उत्पादन 24-25 प्रतिशत अधिक होने का ताजा अनुमान आने लगा है। दूसरी ओर पुराना स्टाक चिरौंजी का इस बार कारोबारियों के गले में फंसा हुआ है। यही कारण है कि सीजन से लेकर अब तक तेजी की बजाय मंदा चल रहा है। गत मई माह में सौ-डेढ़ सौ रुपए घट गए थे तथा गुठली की आवक बढऩे लगी है, जिस कारण 150/200 रुपए प्रति किलो चालू माह के अंतराल और घट सकते हैं। अमरवाड़ा लाइन में एवरेज माल 1500/1550 रुपए एवं बढिय़ा माल 1700 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। दिल्ली में 1600/1800 रुपए प्रति किलो के बीच चिरौंजी का व्यापार हो रहा है। जिस तरह अमरवाड़ा लाइन में  अब तक गुठली का स्टॉक हो चुका है तथा गुठली के साइज भी इस बार चौतरफा प्रत्यक्षदर्शी अधिक बता रहे हैं, इसे देखते हुए जो माल वहां इस समय 1500 रुपए प्रति किलो नीचे में चल रहे हैं, उसके भाव नीचे में 1400 रुपए तक वहां बन सकते हैं तथा यहां भी जो चिरौंजी 1700 रुपए बिक रही है, वह 1500 रुपए तक अगले महीने नीचे में आ जाएगी। वास्तविकता यह है कि सभी कारोबारियों के पास चिरौंजी दाने का स्टॉक पड़ा हुआ है तथा 18 प्रतिशत दाल वाले माल यहां 1600 रुपए बोलने लगे हैं, आगे  शादियां बंद हो जाएंगी, त्योहारी खपत समाप्त हो गई है। अत: चिरौंजी में इस बार भी तेजी नहीं बन पाएगी। चिरौंजी का उत्पादन ढाई लाख बोरी के करीब अनुमान लगाया जा रहा है, वह इस बार 3 लाख बोरी तक पहुंच सकता है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए स्टॉक की बजाय मजूरी का काम अभी करिए। 


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