एसआईपी इनफ्लो नवंबर में 29,445 करोड़ रुपए रहा है, जो कि अक्टूबर के इनफ्लो 29,529 करोड़ रुपए से मामूली रूप से कम है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से गुरुवार को दी गई। नवंबर लगातार तीसरा महीना है, जब एसआईपी इनफ्लो 29,000 रुपए से अधिक रहा है। सितंबर में यह 29,361 करोड़ रुपए पर था। बीते महीने नेट इक्विटी इनफ्लो में भी मजबूत बढ़त देखी गई है और यह नवंबर में 29,894 करोड़ रुपए रहा है, जो कि अक्टूबर में 24,671 करोड़ रुपए था। नवंबर में इंडस्ट्री के एयूएम में तेज उछाल देखा गया है और यह करीब 93,000 करोड़ रुपए बढक़र 80.80 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले महीने 79.87 लाख करोड़ रुपए था।इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो नवंबर में मजबूत रहा है और मासिक आधार पर यह 21 प्रतिशत बढक़र 29,911 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि अक्टूबर में 24,690 करोड़ रुपए पर था। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए डेटा में दी गई। हालांकि, बीते महीने सालाना आधार पर इनफ्लो में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। नवंबर में यह 35,943 करोड़ रुपए पर था। फ्लेक्सी कैप फंड्स ने नवंबर में सबसे अधिक इनफ्लो आकर्षित किया है और यह 8,135 करोड़ रुपए रहा है। हालांकि, अक्टूबर में यह 8,928 करोड़ रुपए पर था। इनफ्लो आकर्षित करने के मामले में लार्ज एंड मिडकैप फंड्स कैटेगरी दूसरे नंबर पर रही है और इसने नवंबर में 4,503 करोड़ रुपए का फंड आकर्षित किया, जो कि पिछले महीने के मुकाबले 42 प्रतिशत अधिक है। नवंबर में मिड-कैप फंडों को 4,486 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप फंडों को 4,406 करोड़ रुपए का इनफ्लो प्राप्त हुआ। वैल्यू और कॉन्ट्रा फंडों में मासिक आधार पर सबसे अधिक निवेश वृद्धि देखी गई, जो अक्टूबर के 368 करोड़ रुपए की तुलना में 231 प्रतिशत बढक़र 1,219 करोड़ रुपए हो गया। वहीं, मल्टीकैप फंडों में इनफ्लो में मामूली 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मनी मार्केट फंड में 11,104 करोड़ रुपए का इनफ्लो आया। इसके बाद अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का स्थान रहा, जिसमें इनफ्लो 8,360 करोड़ रुपए रहा।
