जयपुर। इंडिया की टॉप-2 ऑर्गेनाइज्ड रिटेल कंपनियों ने जनवरी-मार्च 2025 क्वार्टर के लिए एकदम विपरीत फाइनेंशियल परफोर्मेंस रिपोर्ट किया है जो इंडिकेट करता है कि इन कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही अलग-अलग बिजनस स्ट्रेटेजी का इंपैक्ट फाइनेंशियल परफोर्मेंस पर देखने को मिल रहा है। देश की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर रिलायंस रिटेल लि. ने कंजंप्शन अपटिक व स्टोर रेशनलाइजेशन के कारण मार्च 2025 क्वार्टर में रेवेन्यू, ओपरेटिंग प्रॉफिट व नेट प्रॉफिट में डबल-डिजिट की ग्रोथ रिपोर्ट की है वहीं दूसरी ओर देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर व डीमार्ट स्टोर्स ओपरेट करने वाली एवेन्यू सुपरमाटर््स लि. ने इस दौरान कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में आश्चर्यजनक रूप से गिरावट रिपोर्ट की है। हालांकि, मार्च 2025 क्वार्टर में डीमार्ट की रेवेन्यू में 17 प्रतिशत व ओपरेटिंग प्रॉफिट में केवल 1.2 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। ओपरेटिंग प्रॉफिट में यह ग्रोथ पिछले 5 क्वार्टर्स में सबसे धीमी ग्रोथ है। डीमार्ट के ओपरेटिंग मार्जिन इस दौरान जहां 100 बेसिस पाइंट घटकर 6.4 प्रतिशत के पिछले 5 क्वार्टर्स के मिनिमम लेवल पर दर्ज किए गए वहीं दूसरी ओर रिलायंस रिटेल के ओपरेटिंग मार्जिन पिछले 5 क्वार्टर्स के समान ही 8.2-8.5 प्रतिशत की रेंज में रहे। रिलायंस रिटेल के सीएफओ का कहना है कि अनप्रोफिटेबल स्टोर्स को बंद करने व लो-मार्जिन कैटेगरीज को हटाने से कंपनी की प्रोफिटेबिलिटी को बूस्ट मिला है। उनके मुताबिक स्टोर रेशनलाइजेशन स्ट्रेटेजी पूरी हो चुकी है जिसका पॉजिटिव इंपैक्ट फाइनेंशियल परफोर्मेंस पर देखने को मिल रहा है। ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि कम सेल्स टर्नओवर व नेगेटिव प्रोडक्ट मिक्स के कारण डीमार्ट के प्रोफिटेबिलिटी पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ रहा है। सिटी रिसर्च के अनुसार छोटे शहरों में स्टोर एक्सपेंशन व क्विक कॉमर्स से मिल रहे व्यापक कंपिटिशन के कारण भी डीमार्ट पर दबाव है।
