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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-06-2025

गुलकंद को क्यों कहते हैं आयुर्वेदिक टॉनिक

  •  कब्ज, एसिडिटी और पेट की जलन की समस्या को दूर करने के लिए गुलकंद का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके साथ ही साथ नियमित तौर पर गुलकंद का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। गुलाब की पंखुडिय़ों और मिश्री से मिलाकर इसे तैयार किया जाता है, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। तभी तो इसे आयुर्वेदिक टॉनिक का नाम दिया गया है। ऐसा टॉनिक जो तन और मन दोनों का खास ख्याल रखता है। आज लोगों की ओर से जिस तरह से जीवनशैली अपनाई जा रही है, उनमें पेट की समस्याएं बढ़ गई हैं। हर दूसरे व्यक्ति में कब्ज, एसिडिटी, और पेट की जलन की समस्या पाई जा रही है। अगर गुलकंद का इस्तेमाल नियमित तौर पर किया जाए, तो पेट की जलन, कब्ज, और एसिडिटी से छुटकारा मिलता है, साथ ही यह पाचन तंत्र को ठंडक प्रदान करता है। गुलकंद पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है, साथ ही गर्मियों में होने वाली कई तरह की समस्याओं जैसे कि नकसीर, जलन, और थकान को कम करता है। यह मुंह के छालों को ठीक करने में काफी प्रभावी है। गुलाब की पंखुडिय़ों के सात्विक गुण होते हैं, जो मन को शांत करते हैं। यह तनाव, चिंता, और अनिद्रा को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे मन और हृदय दोनों को पोषण देने वाला माना जाता है। गुलकंद का नियमित प्रयोग करने से त्वचा भी निखर कर आती है। चेहरे से मुंहासे, दाग-धब्बे, और एलर्जी भी दूर होती हैं। गुलकंद का सेवन पुरुषों के साथ ही साथ महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। मासिक धर्म की अनियमितता, अत्यधिक रक्तस्राव, और मासिक धर्म से जुड़ी पित्तजन्य समस्याओं को कम करने में गुलकंद उपयोगी है। यह गर्भवती महिलाओं में पेट की जलन और गर्मी को भी शांत करता है। गुलकंद का सेवन आप विभिन्न माध्यमों के जरिए कर सकते हैं। अगर आप पान खाने के शौकीन हैं, तो इसे पान के साथ लिया जा सकता है। दूध और पानी के माध्यम से गुलकंद का सेवन किया जा सकता है। अगर गुलकंद का सेवन खाली पेट किया जाए, तो पेट को काफी राहत मिलती है। गुलकंद का सेवन करने से पहले उन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, जो डायबिटीज के शिकार हैं। आयुर्वेद में गुलकंद को एक रसायन (पौष्टिक टॉनिक) माना जाता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसे नियमित और संतुलित मात्रा में लेने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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गुलकंद को क्यों कहते हैं आयुर्वेदिक टॉनिक

 कब्ज, एसिडिटी और पेट की जलन की समस्या को दूर करने के लिए गुलकंद का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके साथ ही साथ नियमित तौर पर गुलकंद का सेवन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। गुलाब की पंखुडिय़ों और मिश्री से मिलाकर इसे तैयार किया जाता है, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। तभी तो इसे आयुर्वेदिक टॉनिक का नाम दिया गया है। ऐसा टॉनिक जो तन और मन दोनों का खास ख्याल रखता है। आज लोगों की ओर से जिस तरह से जीवनशैली अपनाई जा रही है, उनमें पेट की समस्याएं बढ़ गई हैं। हर दूसरे व्यक्ति में कब्ज, एसिडिटी, और पेट की जलन की समस्या पाई जा रही है। अगर गुलकंद का इस्तेमाल नियमित तौर पर किया जाए, तो पेट की जलन, कब्ज, और एसिडिटी से छुटकारा मिलता है, साथ ही यह पाचन तंत्र को ठंडक प्रदान करता है। गुलकंद पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है, साथ ही गर्मियों में होने वाली कई तरह की समस्याओं जैसे कि नकसीर, जलन, और थकान को कम करता है। यह मुंह के छालों को ठीक करने में काफी प्रभावी है। गुलाब की पंखुडिय़ों के सात्विक गुण होते हैं, जो मन को शांत करते हैं। यह तनाव, चिंता, और अनिद्रा को कम करने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे मन और हृदय दोनों को पोषण देने वाला माना जाता है। गुलकंद का नियमित प्रयोग करने से त्वचा भी निखर कर आती है। चेहरे से मुंहासे, दाग-धब्बे, और एलर्जी भी दूर होती हैं। गुलकंद का सेवन पुरुषों के साथ ही साथ महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। मासिक धर्म की अनियमितता, अत्यधिक रक्तस्राव, और मासिक धर्म से जुड़ी पित्तजन्य समस्याओं को कम करने में गुलकंद उपयोगी है। यह गर्भवती महिलाओं में पेट की जलन और गर्मी को भी शांत करता है। गुलकंद का सेवन आप विभिन्न माध्यमों के जरिए कर सकते हैं। अगर आप पान खाने के शौकीन हैं, तो इसे पान के साथ लिया जा सकता है। दूध और पानी के माध्यम से गुलकंद का सेवन किया जा सकता है। अगर गुलकंद का सेवन खाली पेट किया जाए, तो पेट को काफी राहत मिलती है। गुलकंद का सेवन करने से पहले उन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, जो डायबिटीज के शिकार हैं। आयुर्वेद में गुलकंद को एक रसायन (पौष्टिक टॉनिक) माना जाता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसे नियमित और संतुलित मात्रा में लेने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।


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