प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार दो बार 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने केंद्रीय बैंक के मौद्रिक रुख को ‘तटस्थ’ से बदलकर ‘उदार’ करते हुए आगे ब्याज दर में एक और कटौती का संकेत दिया। इससे ग्राहकों के लिए कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) में और कमी आ सकती है। अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा छह जून को की जाएगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद अप्रैल की मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई के संदर्भ में, मौद्रिक नीति का रुख भविष्य में नीतिगत दरों की इच्छित दिशा का संकेत देता है। उन्होंने कहा, आगे यदि कोई और झटका नहीं आता है, एमपीसी सिर्फ दो विकल्पों- ‘यथास्थिति’ या ‘दर में कटौती’ पर विचार करेगी। फरवरी में एमपीसी ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत कर दिया था। मई, 2020 के बाद यह पहली कटौती थी और ढाई साल बाद पहली बार इसमें संशोधन किया गया था।