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14-07-2025

एपल के बाद सैमसंग यूएस मार्केट के लिए इंडिया को बनाएगी हब

  •  फोक्सकॉन ने कहा चीन ने भारत से 200-300 आईफोन इंजीनियर वापस बुला लिए हैं। कोशिश भारत में आईफोन प्रॉडक्शन में रोड़ा लगाना है। आप जानते हैं एपल ने आईफोन 17 के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाने की बात कही है और चीन के ये सभी इंजीनियर आईफोन 17 की टीम में थे। अब फोक्सकॉन ने कहा है कि एपल अमेरिका से इंजीनियरों का अरेंजमेंट कर रही है। चीन ने भले ही आईफोन इंजीनियर भारत से वापस बुला लिए हैं लेकिन आईफोन17 का ट्रायल प्रॉडक्शन भारत में शुरू कर दिया है। कस्टम डेटा के आधार पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिस्प्ले असेंबली से लेकर मैकेनिकल हाउसिंग, रीयर कैमरा मॉड्यूल, कवर ग्लास जैसे पार्ट्स जून में ही आने शुरू हो गए थे। फिलहाल ट्रायल प्रॉडक्शन चल रहा है और अगस्त में फुल स्केल पर शुरू होने की उम्मीद है। एपल के लिए भारत एक स्ट्रैटेजिक एक्सपोर्ट हब बनकर उभर रहा है, खासकर अमेरिका में भेजे जाने वाले मॉडलों के लिए। अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर टैरिफ बढ़ा देने के बाद से एपल, खासकर अमेरिका के लिए भारत में प्रॉडक्शन बढ़ा रही है और 2026 तक कंपनी का प्लान अमेरिकी मार्केट्स के लिए आईफोन की सप्लाई चीन से भारत में शिफ्ट करने का है। दूसरी ओर ट्रंप ने वियतनाम पर 20 परसेंट टैरिफ लगा दिया है। चर्चा है कि सैमसंग भी अमेरिका के लिए वियतनाम के बजाय भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के प्लान पर काम कर रही है। अगर भारत पर वियतनाम से कम टैरिफ कम लगाया जाता है, तो सैमसंग अपने प्रोडक्शन का एक हिस्सा भारत में शिफ्ट कर सकती है, फिर यहीं से अमेरिका के लिए कंपनी के प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जाएंगे। सैमसंग के एमएक्स डिवीजन के सीओओ वोन-जून चोई ने हाल ही कहा कि अमेरिका में इस समय अनिश्चितता बहुत ज्यादा है इसलिए हम अलग-अलग परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. हम भारत सहित कई दूसरे देशों से भी अपने प्रोडक्शन के लिए तैयार हैं। सैमसंग का दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस वियतनाम में है जहां कंपनी हर साल 20 करोड़ यूनिट्स बनाती है। जबकि भारत में ग्रेटर नोइडा यूनिट में 12 करोड़ स्मार्टफोन बनाए जाते हैं। सैमसंग की चिंता यह है वियतनाम पर ट्रंप ने 20 परसेंट टैरिफ लगा दिया है जिससे वियतनाम से अमेरिका को सैमसंग स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट महंगा हो जाएगा। अगर ट्रंप वियतनाम के मुकाबले भारत पर कम टैरिफ लगाते हंै, तो सैमसंग अपना प्रोडक्शन बेस वियतनाम से यहां शिफ्ट कर सकती है।

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एपल के बाद सैमसंग यूएस मार्केट के लिए इंडिया को बनाएगी हब

 फोक्सकॉन ने कहा चीन ने भारत से 200-300 आईफोन इंजीनियर वापस बुला लिए हैं। कोशिश भारत में आईफोन प्रॉडक्शन में रोड़ा लगाना है। आप जानते हैं एपल ने आईफोन 17 के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाने की बात कही है और चीन के ये सभी इंजीनियर आईफोन 17 की टीम में थे। अब फोक्सकॉन ने कहा है कि एपल अमेरिका से इंजीनियरों का अरेंजमेंट कर रही है। चीन ने भले ही आईफोन इंजीनियर भारत से वापस बुला लिए हैं लेकिन आईफोन17 का ट्रायल प्रॉडक्शन भारत में शुरू कर दिया है। कस्टम डेटा के आधार पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डिस्प्ले असेंबली से लेकर मैकेनिकल हाउसिंग, रीयर कैमरा मॉड्यूल, कवर ग्लास जैसे पार्ट्स जून में ही आने शुरू हो गए थे। फिलहाल ट्रायल प्रॉडक्शन चल रहा है और अगस्त में फुल स्केल पर शुरू होने की उम्मीद है। एपल के लिए भारत एक स्ट्रैटेजिक एक्सपोर्ट हब बनकर उभर रहा है, खासकर अमेरिका में भेजे जाने वाले मॉडलों के लिए। अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर टैरिफ बढ़ा देने के बाद से एपल, खासकर अमेरिका के लिए भारत में प्रॉडक्शन बढ़ा रही है और 2026 तक कंपनी का प्लान अमेरिकी मार्केट्स के लिए आईफोन की सप्लाई चीन से भारत में शिफ्ट करने का है। दूसरी ओर ट्रंप ने वियतनाम पर 20 परसेंट टैरिफ लगा दिया है। चर्चा है कि सैमसंग भी अमेरिका के लिए वियतनाम के बजाय भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के प्लान पर काम कर रही है। अगर भारत पर वियतनाम से कम टैरिफ कम लगाया जाता है, तो सैमसंग अपने प्रोडक्शन का एक हिस्सा भारत में शिफ्ट कर सकती है, फिर यहीं से अमेरिका के लिए कंपनी के प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जाएंगे। सैमसंग के एमएक्स डिवीजन के सीओओ वोन-जून चोई ने हाल ही कहा कि अमेरिका में इस समय अनिश्चितता बहुत ज्यादा है इसलिए हम अलग-अलग परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं. हम भारत सहित कई दूसरे देशों से भी अपने प्रोडक्शन के लिए तैयार हैं। सैमसंग का दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस वियतनाम में है जहां कंपनी हर साल 20 करोड़ यूनिट्स बनाती है। जबकि भारत में ग्रेटर नोइडा यूनिट में 12 करोड़ स्मार्टफोन बनाए जाते हैं। सैमसंग की चिंता यह है वियतनाम पर ट्रंप ने 20 परसेंट टैरिफ लगा दिया है जिससे वियतनाम से अमेरिका को सैमसंग स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट महंगा हो जाएगा। अगर ट्रंप वियतनाम के मुकाबले भारत पर कम टैरिफ लगाते हंै, तो सैमसंग अपना प्रोडक्शन बेस वियतनाम से यहां शिफ्ट कर सकती है।


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