प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने सहारा समूह और उससे जुड़ी इकाइयों के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के तहत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सहारा समूह के चेयरमैन की मुख्य प्रबंधन टीम के एक कार्यकारी निदेशक और समूह के एक लंबे समय से सहयोगी सह संपत्ति ब्रोकर शामिल हैं। आरोपियों की पहचान क्रमश: वैलापरम्पिल अब्राहम और जितेंद्र प्रसाद वर्मा के रूप में हुई है। केंद्रीय एजेंसी ने बयान में कहा कि अब्राहम ने सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री के समन्वय और उसे सुगम बनाने में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाई, जिनमें से कई में ‘बेहिसाब’ नकदी शामिल थी, जिसका कथित तौर पर गबन कर लिया गया था। जांच एजेंसी ने बताया कि वर्मा इनमें से कई संपत्ति लेनदेन को अंजाम देने में ‘सक्रिय रूप से शामिल’ था और उसने जानबूझकर इन बिक्री लेनदेन से प्राप्त बड़ी ‘नकदी’ आय को ठिकाने लगाने में मदद की, जिससे ‘अपराध की कमाई’ को छिपाने और नष्ट करने में मदद मिली। ईडी ने कहा कि हाल ही में इस मामले में की गई तलाशी के दौरान उसे ‘अपराध सिद्ध करने वाले’ सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि सहारा समूह की संपत्तियों को एक-एक करके ‘गुप्त’ तरीके से बेचा जा रहा था। ईडी ने आरोप लगाया कि अब्राहम और वर्मा ने ऐसी संपत्तियों को बेचने और सहारा समूह के प्रवर्तकों को धन की हेराफेरी में मदद करने में ‘मुख्य भूमिका’ निभाई।