केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पता लगाया है कि नगालैंड में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक खजांची ने कथित तौर पर 19 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि पिछले छह वर्षों में वेतन से उसे कुल 40 लाख रुपये मिले थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिटोका शोहे पर अप्रैल 2019 से जून 2025 के बीच कथित रूप से 18.99 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है जो उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से 1,797.73 प्रतिशत अधिक है। एफसीआई के दीमापुर मंडल कार्यालय में सहायक ग्रेड-ढ्ढ (लेखा) और खंजाची पद पर तैनात शोहे ने कथित तौर पर छह साल की अवधि में 39.91 लाख रुपये वेतन अर्जित किया। अब शोहे को निलंबित कर दिया गया है। प्राथमिकी के अनुसार, शोहे ने भारतीय स्टेट बैंक से 64.9 लाख रुपये का आवास ऋण लिया था, जिसमें से 21.79 लाख रुपये उसने चुका दिए हैं। प्राथमिकी में दिए गए विवरण के अनुसार, शोहे ने अपना घर बनाने के लिए विभिन्न सामान पर लगभग 23.5 लाख रुपये खर्च किए और लगभग 93,000 रुपये के प्रीमियम के साथ एक बीमा पॉलिसी खरीदी। इसमें कहा गया, ‘‘लेकिन उस इमारत के अंदरूनी भाग सहित निर्माण/विद्युत लागत को ध्यान में नहीं रखा गया क्योंकि अभी तक सीपीडब्ल्यूडी ने इसका मूल्यांकन नहीं किया है।’’ प्राथमिकी में कहा गया है कि तलाशी के दौरान और उसके बाद एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर यह कहना उचित है कि एफसीआई के दीमापुर मंडल कार्यालय के खजांची (वर्तमान में निलंबित) बिटोका शोहे ने एक अप्रैल, 2019 से 14 जून, 2025 के बीच अवैध रूप से धन अर्जित किया।