TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

09-07-2025

गुजरात में 2017 से जीएसटी टैक्सपेयर्स की संख्या में 145 प्रतिशत की हुई ग्रोथ

  •  गुजरात सरकार के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से आठ वर्षों में टैक्सपेयर्स की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार के बताया कि 2017 में जहां 5.15 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स थे, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2024-25 तक राज्य में 12.66 लाख पंजीकृत टैक्सपेयर्स हो गए हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से गुजरात टैक्स अनुपालन, राजस्व वृद्धि और डिजिटल एकीकरण के मामले में भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी), चुंगी और प्रवेश टैक्स के जटिल जाल में उलझी राज्य की टैक्स प्रणाली में एक राष्ट्र, एक टैक्स व्यवस्था के तहत जीएसटी लागू होने से बड़ा परिवर्तन आया है, जिससे न केवल अनुपालन सरल हुआ है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। 2024-25 में गुजरात की टैक्सपेयर्स वृद्धि दर 6.38 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत 3.86 प्रतिशत से काफी अधिक है, जो राज्य के गतिशील कारोबारी माहौल और व्यापार के बढ़ते औपचारिकीकरण को दर्शाती है। गुजरात का जीएसटी राजस्व 2024-25 में बढक़र 1,36,748 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 11,579 करोड़ रुपए अधिक है। राज्य देश के घरेलू जीएसटी पूल में 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे यह देश में शीर्ष तीन जीएसटी योगदान देने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। इसके अतिरिक्त, गुजरात का स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) से राजस्व 73,200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 8,752 करोड़ रुपए अधिक है। गुजरात ने एसजीएसटी और आईजीएसटी संग्रह में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत 10.31 प्रतिशत से अधिक है। राज्य ने जीएसटीआर-3बी के लिए 88.9 प्रतिशत अनुपालन और जीएसटीआर-1 के लिए 85.5 प्रतिशत अनुपालन हासिल किया है। गुजरात जीएसटी केपीआई पर भी 71.69 अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात से फिलहाल महाराष्ट्र ही आगे है। जीएसटी की सुव्यवस्थित टैक्स संरचना ने लाखों व्यापारियों और उद्योगों के लिए व्यापार को सरल बनाया है और टैक्स के बोझ को कम टैक्स पारदर्शिता बढ़ाई है।

Share
गुजरात में 2017 से जीएसटी टैक्सपेयर्स की संख्या में 145 प्रतिशत की हुई ग्रोथ

 गुजरात सरकार के अनुसार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से आठ वर्षों में टैक्सपेयर्स की संख्या में 145 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार के बताया कि 2017 में जहां 5.15 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स थे, वहीं अब वित्तीय वर्ष 2024-25 तक राज्य में 12.66 लाख पंजीकृत टैक्सपेयर्स हो गए हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से गुजरात टैक्स अनुपालन, राजस्व वृद्धि और डिजिटल एकीकरण के मामले में भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी), चुंगी और प्रवेश टैक्स के जटिल जाल में उलझी राज्य की टैक्स प्रणाली में एक राष्ट्र, एक टैक्स व्यवस्था के तहत जीएसटी लागू होने से बड़ा परिवर्तन आया है, जिससे न केवल अनुपालन सरल हुआ है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। 2024-25 में गुजरात की टैक्सपेयर्स वृद्धि दर 6.38 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत 3.86 प्रतिशत से काफी अधिक है, जो राज्य के गतिशील कारोबारी माहौल और व्यापार के बढ़ते औपचारिकीकरण को दर्शाती है। गुजरात का जीएसटी राजस्व 2024-25 में बढक़र 1,36,748 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 11,579 करोड़ रुपए अधिक है। राज्य देश के घरेलू जीएसटी पूल में 8.2 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे यह देश में शीर्ष तीन जीएसटी योगदान देने वाले राज्यों में शामिल हो गया है। इसके अतिरिक्त, गुजरात का स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) से राजस्व 73,200 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष से 8,752 करोड़ रुपए अधिक है। गुजरात ने एसजीएसटी और आईजीएसटी संग्रह में 13.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत 10.31 प्रतिशत से अधिक है। राज्य ने जीएसटीआर-3बी के लिए 88.9 प्रतिशत अनुपालन और जीएसटीआर-1 के लिए 85.5 प्रतिशत अनुपालन हासिल किया है। गुजरात जीएसटी केपीआई पर भी 71.69 अंकों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात से फिलहाल महाराष्ट्र ही आगे है। जीएसटी की सुव्यवस्थित टैक्स संरचना ने लाखों व्यापारियों और उद्योगों के लिए व्यापार को सरल बनाया है और टैक्स के बोझ को कम टैक्स पारदर्शिता बढ़ाई है।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news