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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

05-07-2025

मिलों में बारिश का पानी भरने से करोड़ों रुपये का नुकसान

  •  जिले के हमीरगढ़ क्षेत्र में एक दिन में 10 इंच से अधिक वर्षा होने से चितौडग़ढ मार्ग पर स्थित एक दर्जन से अधिक टेक्सटाइल मिलों में बारिश का पानी भर जाने से करोड़ों रुपयों का नुकसान हो गया है। कई मिलों के खाते में पानी भर जाने से मशीनें पानी में डूब गई तथा उत्पादन कार्य पूरी तरह ठप हो गया। बीएसएल इंडस्ट्री में कार्यरत कर्मचारी भंवरलाल ने बताया कि सुबह काम पर गये तब तेज वर्षा हो रही थी, लेकिन फैक्ट्री में सभी श्रमिक रोजाना की तरह सामान्य रूप से काम कर रहे थे, लेकिन ग्यारह बजे बाद फैक्ट्री के भीतर बरसात के पानी का दबाव बढऩे लगा तथा देखते ही देखते खाते में डेढ़ से दो फीट पानी आने से मशीनों को बंद कर श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई। फैक्ट्री में पानी भर जाने से कच्चा माल और तैयार कपड़ा भी बरसात के पानी से भीग जाने से बड़ा नुकसान हुआ है। मौसम के खुल जाने के बाद उद्योगों में भरा पानी पम्पों के माध्यम से बाहर निकालने कार्य चल रहा है। इस प्राकृतिक आपदा से उद्योगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। जानकार सूत्रों के अनुसार संगम स्पिनर्स प्रा. लिमिटेड, देश के प्रमुख कपड़ा बनाने वाले उद्योग बीएसएल लिमिटेड की मंडपिया इकाई के अतिरिक्त कपड़ा प्रासेस करने वाले एके स्पिन्टेक्स के अतिरिक्त कई अन्य फैक्ट्रियों में पानी भर गया। इस क्षेत्र में बरसात के पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज व्यवस्था ठीक नहीं होने से इंडस्ट्रीज में पानी भरने की समस्या बनी रहती है। पूर्व में भी कई बार तेज वर्षा के कारण इस तरह के हालात बन चुके हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर पानी की निकासी के लिए कोई स्थाई इन्तजाम नहीं किये जाने से समस्या बनी रहती है। खाते में पानी भरने से वहां लगी हुई मशीनें सर्वाधिक प्रभावित हुई इसके अतिरिक्त तैयार माल और फैक्ट्री में रखे सामान पानी में भीगने से बड़ा नुकसान हुआ है। एके स्पिन्टेक्स में प्रोसेस के लिए आया हुआ लाखों मीटर कपड़ा भीग गया है। इससे उत्पादन कार्य बाधित हो गया है। मजबूरन फैक्टरी में कार्य कर रहे श्रमिकों को छुट्टी देनी पड़ी। बरसात के पानी से खराब हुए कपड़े को विक्रय के लिए री प्रोसेस करना पड़ेगा लोगों का कहना है कि भीलवाड़ा-चित्तौडग़ढ़ राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर पानी निकासी के लिए बने नालों की सफाई नहीं होने से हर साल बारिश में इस तरह के हालात बनते है। इस बारे में व्यापारिक संगठनों ने नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन के स्तर पर कदम उठाऐं जाने 

    की मांग की गई।
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मिलों में बारिश का पानी भरने से करोड़ों रुपये का नुकसान

 जिले के हमीरगढ़ क्षेत्र में एक दिन में 10 इंच से अधिक वर्षा होने से चितौडग़ढ मार्ग पर स्थित एक दर्जन से अधिक टेक्सटाइल मिलों में बारिश का पानी भर जाने से करोड़ों रुपयों का नुकसान हो गया है। कई मिलों के खाते में पानी भर जाने से मशीनें पानी में डूब गई तथा उत्पादन कार्य पूरी तरह ठप हो गया। बीएसएल इंडस्ट्री में कार्यरत कर्मचारी भंवरलाल ने बताया कि सुबह काम पर गये तब तेज वर्षा हो रही थी, लेकिन फैक्ट्री में सभी श्रमिक रोजाना की तरह सामान्य रूप से काम कर रहे थे, लेकिन ग्यारह बजे बाद फैक्ट्री के भीतर बरसात के पानी का दबाव बढऩे लगा तथा देखते ही देखते खाते में डेढ़ से दो फीट पानी आने से मशीनों को बंद कर श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई। फैक्ट्री में पानी भर जाने से कच्चा माल और तैयार कपड़ा भी बरसात के पानी से भीग जाने से बड़ा नुकसान हुआ है। मौसम के खुल जाने के बाद उद्योगों में भरा पानी पम्पों के माध्यम से बाहर निकालने कार्य चल रहा है। इस प्राकृतिक आपदा से उद्योगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। जानकार सूत्रों के अनुसार संगम स्पिनर्स प्रा. लिमिटेड, देश के प्रमुख कपड़ा बनाने वाले उद्योग बीएसएल लिमिटेड की मंडपिया इकाई के अतिरिक्त कपड़ा प्रासेस करने वाले एके स्पिन्टेक्स के अतिरिक्त कई अन्य फैक्ट्रियों में पानी भर गया। इस क्षेत्र में बरसात के पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज व्यवस्था ठीक नहीं होने से इंडस्ट्रीज में पानी भरने की समस्या बनी रहती है। पूर्व में भी कई बार तेज वर्षा के कारण इस तरह के हालात बन चुके हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर पानी की निकासी के लिए कोई स्थाई इन्तजाम नहीं किये जाने से समस्या बनी रहती है। खाते में पानी भरने से वहां लगी हुई मशीनें सर्वाधिक प्रभावित हुई इसके अतिरिक्त तैयार माल और फैक्ट्री में रखे सामान पानी में भीगने से बड़ा नुकसान हुआ है। एके स्पिन्टेक्स में प्रोसेस के लिए आया हुआ लाखों मीटर कपड़ा भीग गया है। इससे उत्पादन कार्य बाधित हो गया है। मजबूरन फैक्टरी में कार्य कर रहे श्रमिकों को छुट्टी देनी पड़ी। बरसात के पानी से खराब हुए कपड़े को विक्रय के लिए री प्रोसेस करना पड़ेगा लोगों का कहना है कि भीलवाड़ा-चित्तौडग़ढ़ राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर पानी निकासी के लिए बने नालों की सफाई नहीं होने से हर साल बारिश में इस तरह के हालात बनते है। इस बारे में व्यापारिक संगठनों ने नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन के स्तर पर कदम उठाऐं जाने 

की मांग की गई।

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