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05-06-2025

एमओयू क्रियान्वयन में तेजी के लिए भूमि आवंटन अत्यंत महत्वपूर्ण : पंत

  •  मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान हस्ताक्षरित एमओयू के क्रियान्वयन की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को एमओयू क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में भूमि बैंकों के निर्माण प्रक्रिया को तेज करें। पंत ने पर्यटन विभाग को निर्देश दिया कि वह उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर (अजमेर) आदि प्रमुख जिलों में सरकारी भूमि की नीलामी एवं आवंटन हेतु उपयुक्त प्रावधान तैयार करे। उन्होंने कहा कि भूमि की उपलब्धता के साथ-साथ विभागों को एमओयू के शीघ्र क्रियान्वयन को प्रोत्साहित करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में नियामक ढांचे को सरल बनाने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। एमओयू क्रियान्वयन पर पाक्षिक समीक्षा बैठक के अतिरिक्त पंत ने भारत सरकार द्वारा निर्देशित अनुपालन में कमी और विनियमन शिथिलीकरण अभ्यास की प्रगति की समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की। विभागीय सचिवों ने पंत को केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा निर्धारित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु उठाए गए प्रमुख कदमों से अवगत कराया। मुख्य सचिव ने राजस्थान कारखाना एवं बॉयलर विभाग, श्रम विभाग, रीको, बीआईपी, राजस्व विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूडीएच), राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) सहित विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की। जिन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर कार्य किया जा रहा है, उनमें उद्योगों के लिए जीआईएस-आधारित भूमि बैंक का विकास, भवन विनियमों में संशोधन, सिंगल विंडो अप्रूवल प्रणाली, लघु अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, कुछ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को डी-लाइसेंस करना, महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में और कुछ खतरनाक उद्योगों में कार्य की अनुमति देना आदि शामिल हैं। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार के विशिष्ट व्यापारिक सुधारों को भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ के रूप में अपलोड किया जाए और अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए सुधारों से भी सीख ली जाए। यह उल्लेखनीय है कि 9 से 11 दिसंबर 2024 को आयोजित निवेश सम्मेलन के दौरान सरकार ने 35 लाख करोड़ के रिकॉर्ड निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए थे। मार्च में आयोजित 'ढ्ढरूक्क्रष्टञ्ज 1.0’ कार्यक्रम में सरकार ने घोषणा की थी कि सम्मेलन के तीन माह के भीतर ही 3.08 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर उतारे जा चुके हैं।

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एमओयू क्रियान्वयन में तेजी के लिए भूमि आवंटन अत्यंत महत्वपूर्ण : पंत

 मुख्य सचिव सुधांश पंत ने ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के दौरान हस्ताक्षरित एमओयू के क्रियान्वयन की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने भूमि आवंटन की प्रक्रिया को एमओयू क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों में भूमि बैंकों के निर्माण प्रक्रिया को तेज करें। पंत ने पर्यटन विभाग को निर्देश दिया कि वह उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर (अजमेर) आदि प्रमुख जिलों में सरकारी भूमि की नीलामी एवं आवंटन हेतु उपयुक्त प्रावधान तैयार करे। उन्होंने कहा कि भूमि की उपलब्धता के साथ-साथ विभागों को एमओयू के शीघ्र क्रियान्वयन को प्रोत्साहित करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में नियामक ढांचे को सरल बनाने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। एमओयू क्रियान्वयन पर पाक्षिक समीक्षा बैठक के अतिरिक्त पंत ने भारत सरकार द्वारा निर्देशित अनुपालन में कमी और विनियमन शिथिलीकरण अभ्यास की प्रगति की समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की। विभागीय सचिवों ने पंत को केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा निर्धारित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु उठाए गए प्रमुख कदमों से अवगत कराया। मुख्य सचिव ने राजस्थान कारखाना एवं बॉयलर विभाग, श्रम विभाग, रीको, बीआईपी, राजस्व विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूडीएच), राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरएसपीसीबी) सहित विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की। जिन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर कार्य किया जा रहा है, उनमें उद्योगों के लिए जीआईएस-आधारित भूमि बैंक का विकास, भवन विनियमों में संशोधन, सिंगल विंडो अप्रूवल प्रणाली, लघु अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, कुछ वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को डी-लाइसेंस करना, महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में और कुछ खतरनाक उद्योगों में कार्य की अनुमति देना आदि शामिल हैं। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार के विशिष्ट व्यापारिक सुधारों को भारत सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर ‘बेस्ट प्रैक्टिस’ के रूप में अपलोड किया जाए और अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए सुधारों से भी सीख ली जाए। यह उल्लेखनीय है कि 9 से 11 दिसंबर 2024 को आयोजित निवेश सम्मेलन के दौरान सरकार ने 35 लाख करोड़ के रिकॉर्ड निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किए थे। मार्च में आयोजित 'ढ्ढरूक्क्रष्टञ्ज 1.0’ कार्यक्रम में सरकार ने घोषणा की थी कि सम्मेलन के तीन माह के भीतर ही 3.08 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर उतारे जा चुके हैं।


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