राजस्थान के ऊर्जा राज्यमंत्री हीरा लाल नागर ने कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य में एनर्जी सेक्टर में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रिड और पारेषण व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 1,000 मेगावाट की रूफटॉप (छत वाली) सौर परियोजनाओं की निविदाओं के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। नागर ‘इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया’ द्वारा आयोजित ‘रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो-2024’ में मीडिया से बात कर रहे थे। नागर ने कहा, ‘राजस्थान ने अपनी भौगोलिक चुनौतियों को एनर्जी के वरदान में बदल दिया है। फिलहाल हम 20,000 मेगावाट सौर एनर्जी का उत्पादन करते हैं, जिसमें से केवल 5,000 मेगावाट का उपयोग स्थानीय स्तर पर किया जाता है, जबकि शेष की आपूर्ति पूरे देश में की जाती है। इसके अलावा, हमने इसे और आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, जिसके तहत अगले चार-पांच साल में ऊर्जा क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये निवेश आने की उम्मीद है।’ रिन्यूएबल एनर्जी एक्सपो के उद्घाटन समारोह में नागर ने ‘राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव’ में इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करते हुए कहा कि राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र सहित किसी भी अन्य संभावित क्षेत्र में निवेश के लिए जो भी निवेशक आगे आना चाहते हैं वह राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव में आकर सरकार के साथ भागीदारी को आगे बढ़ा सकते हैं। राजस्थान सरकार औद्योगिक प्रोजेक्ट लगाने के लिए निवेशकों को उपयुक्त जमीन और अन्य सभी जरूरी सुविधाएं, रियायतें प्राथमिकता के साथ देने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने निवेशकों के हित में नीतिगत स्तर पर कई सकारात्मक फैसले लिए हैं जिससे प्रेरित होकर निवेशकों और हमारी सरकार ने 9 महीने के कार्यकाल में 32000 मेगावाट के संयंत्र लगाने का एमओयू साइन किये है। नागर ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राजस्थान में सोलर ऊर्जा के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को और अधिक मजबूत बनाया जाए ताकि राज्य के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।