अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफों की घोषणा के चलते इंडियन स्टॉक मार्केट में बड़ी संख्या में कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। स्मॉल व मिड कैप शेयरों में दर्ज की गई व्यापक गिरावट के अलावा मार्केट कैप के लिहाज से टॉप-100 कंपनियों के शेयर भी वार्षिक उच्च लेवल्स से 61 प्रतिशत तक नीचे ट्रेड कर रहे हैं। पिछले सप्ताह तक इन 100 कंपनियों के शेयरों में वार्षिक उच्च लेवल्स से एवरेज 25 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी थी। इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो अडाणी ग्रुप कंपनियेां के शेयरों में पिछले कुछ समय में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर वार्षिक उच्च लेवल्स से जहां 61 प्रतिशत नीचे आ चुके हैं वहीं अडाणी एनर्जी सोल्यूशंस व अडाणी पॉवर के शेयर क्रमश: 45 प्रतिशत व 44 प्रतिशत टूट चुके हैं। इसी तरह इंडिया में टेस्ला की संभावित एंट्री के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर की टॉप कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिल रही है। टाटा मोटर्स के शेयरों में जहां वार्षिक उच्च लेवल्स से अब तक 45 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है वहीं बजाज ऑटो के शेयरों में 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। इस गिरावट के बावजूद भी बड़ा सवाल फिलहाल यह है कि लॉर्ज-कैप स्टॉक्स के वेल्यूएशन क्या रीजनेबल लेवल्स पर आ गए हैं या फॉरेन इंवेस्टरों की बिकवाली रुकने के बाद ही इनमें इंवेस्ट करने का निर्णय लेना चाहिए?
