होन्डा मोटरसाइकल एंड स्कूटर इंडिया ने कहा है कि वह भारत में अपनी ईवी स्ट्रेटेजी को रिव्यू करेगी। होन्डा मोटर कंपनी के सीईओ मिनोरु कातो और एचएमएसआई के प्रेसिडेंट एंड सीईओ सुत्सुमु ओतानी ने कहा कि वर्तमान में ईवी अपनाने की गति भले तेज दिख रही हो, लेकिन यह मुख्य रूप से इंसेंटिव और फ्यूल कॉस्ट रिडक्शन के कारण है। ऐसे में स्ट्रेटेजी को फाइनट्यून करने से पहले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट को गहराई से समझने की जरूरत है। होंडा भारत में अपनी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर स्ट्रेटेजी को रिव्यू ऐसे समय में कर रही है जब कंपनी ग्लोबल मार्केट के लिए ईवी को लेकर बहुत एग्रेसिव है। होंडा ने हाल ही कहा था कि वह दुनिया की नंबर वन इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल कंपनी बनना चाहती है। इस ग्लोबल स्ट्रैटेजी को देखते हुए मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म और प्लांट बनाए जाएंगे और भारत इसका ग्लोबल हब होगा। भारत में कंपनी ईवी के साथ ही मल्टी-फ्यूल स्ट्रेटेजी को भी रिव्यू करना चाहती है। ब्राजील जैसे बाजारों में कंपनी बायोफ्यूल की लीडर है। इन मार्केट्स में होंडा ने अब तक 70 लाख से अधिक फ्लेक्स-फ्यूल टू-व्हीलर्स बेचे हैं, जो पेट्रोल और एथेनॉल के मिक्सचर पर चलते हैं। भारत में भी कंपनी बायोएथेनॉल को लेकर क्लीयर पॉलिसी और इंसेंटिव की मांग कर रही है। भारत में होंडा सीबी300एफ फ्लेक्स फ्यूल बाइक को लॉन्च किया है जो बायोफ्यूल पर भी चल सकती है। यह कंपनी के 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी टार्गेट से जुड़ा कदम है जिसे कंपनी ईवी और फ्लेक्स-फ्यूल सॉल्यूशन्स से हासिल करना चाहती है। बात सिर्फ ईवी मार्केट में पोटेंशियल की ही नहीं है। होंडा भारत के ईवी सेगमेंट में उतरने के मामले में सभी लीगेसी कंपनियों से पिछड़ चुकी है। कंपनी ने नवंबर 2024 में इलेक्ट्रिक स्कूटर होंडा एक्टिवा ई और होंडा क्यूसी1 लॉन्च किए थे। ओतानी के अनुसार पिछले चार-पांच वर्ष में भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर सेगमेंट की ग्रोथ बहुत अच्छी रही है। लेकिन टीवीएस आईक्यूब और बजाज चेतक जैसे लीगेसी ब्रांड्स के इस मार्केट में आ जाने से सैगमेंट में ग्रोथ के बजाय कंसोलिडेशन हो रहा है। जहां अधिकांश लीगेसी कंपनियां फिक्स्ड बैटरी और होम चार्जिंग की पिच पर आगे बढ़ रही है। वहीं होंडा ने ड्यूल अप्रोच अपनाई है। क्यूसी1 में फिक्स्ड बैटरी और घरेलू चार्जिंग का ऑप्शन है जबकि एक्टिवा ई में स्वैप बैटरी सिस्टम है, जिसमें इनबिल्ट चार्जिंग नहीं है। ओटानी ने कहा कि जहां पेट्रोल टू-व्हीलर की लाइफ 10-15 वर्ष है वहीं ईवी का लाइफ साइकल केवल 4-5 वर्ष ही है। होन्डा के अनुसार भारत में ईवी अपनाने की नेचरल ग्रोथ अगले चार-पांच वर्ष में आएगी। क्योंकि तब इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के सबसे पहले कस्टमर को बैटरी रिप्लेसमेंट की जरूरत होगी। उस समय पता चल पाएगा कि कस्टमर महंगी बैटरी रिप्लेसमेंट वाली फिक्स्ड बैटरी को पसंद करते हैं या स्वैप सिस्टम को। फिलहाल, होन्डा दोनों ऑप्शन को खुला रखेगी और मार्केट ट्रेंड व कस्टमर बिहेवियर पर नजर रखेगी। कंपनी ने हर साल कम से कम एक नया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मॉडल लॉन्च करने का वादा किया है। कंपनी के पास इंटरनेशनल पोर्टफोलियो में चार ईवी मॉडल हैं। हाल ही होन्डा के सीईओ तोशिहिरो मिबे ने कहा कि भारत में कर्नाटक में एक नई ईवी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी 2028 तक चालू हो जाएगी। जिसकी शुरुआती कैपेसिटी सालाना 20-30 हजार यूनिट्स की होगी।
