अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से इंडिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) की ओर से इस मुद्दे की समीक्षा की गई। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के माध्यम से दबाव की राजनीति का प्रयास है। इसे आधिकारिक घोषणा नहीं माना जा सकता। टैरिफ डील पर अभी अगस्त में अमेरिका और भारत के बीच छठे दौर की वार्ता होना बाकी है। इसके बाद टैरिफ की दरें तय की जाएगी। उम्मीद है कि केंद्र सरकार निर्यातकों के हितों के साथ देश की गरिमा को ध्यान में रखकर उचित समझौता करेगी। किसी प्रकार की ना करें चिंता फोर्टी की ओर से अमेरिका में एक्सपोर्ट करने वाले राजस्थान के निर्यातक और अमेरिका से इंपोर्ट करने वाले आयातकों से अपील की जाती है कि फिलहाल किसी प्रकार की चिंता नहीं करें। इस बयान के पीछे ट्रंप का उद्देश्य भी यही है कि इंडियन मार्केट में हडकंप मचे और भारत सरकार दवाब में आकर अमेरिका मनमानी शर्तों को मानने के लिए मजबूर हो जाए, इसलिए ट्रंप के बयान से घबराने की आवश्यता नहीं है। केंद्रीय उद्योग- वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विश्वास दिलाया है कि भारतीय निर्यातक और आयातक दोनों के व्यापारिक हितों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका के साथ टैरिफ डील की जाएगी।