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14-08-2025

मानसून में गुनगुना पानी है अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी

  •  मानसून जैसे ही दस्तक देता है, वह अपने साथ मौसम में नमी और उमस लेकर आता है। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया भी तेजी से पनपते हैं जो कई बीमारियां लेकर आते हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने की आदत आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी ढाल बन सकती है। ‘उष्णं जलं पचति आमं तेन रोगा न जायते’। इस श्लोक के अनुसार, गरम जल टॉक्सिन्स को पचाता है, जिससे रोग नहीं होते। चरक संहिता के अनुसार, मानसून में शरीर की पाचन अग्नि धीमी होती है। इस वजह से जो हम खाते हैं, वह ठीक से नहीं पचता और शरीर में टॉक्सिन बनने लगता है। शरीर में जमा टॉक्सिन पसीने और मूत्र के माध्यम से बाहर निकलते हैं। इसी के साथ ही यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार रहता है, जिससे सर्दी- जुकाम, खांसी से राहत मिलती है। नमी के कारण गले में खराश, कफ और कई तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने से इन समस्याओं से काफी राहत मिलती है और इन्फेक्शन को दूर करने में भी मदद मिलती है। मानसून के दौरान नमी के कारण शरीर में अक्सर जकडऩ महसूस होती है। रोजाना गुनगुना पानी पीने से मांसपेशियों में होने वाली जकडऩ कम होती है और आराम महसूस होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गुनगुना पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे स्किन पर होने वाले कील-मुहांसे की समस्या से भी राहत मिलती है और स्किन ग्लोइंग और शाइनी नजर आने लगती है। सुश्रुत संहिता के अनुसार, सुबह खाली पेट, खाना खाने से आधे घंटे पहले, खाने के आधे घंटे बाद और रात में सोने से पहले गुनगुना पानी पीना चाहिए। जब आप सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीते हैं, तो पाचन तंत्र सक्रिय होता है और मल त्याग में आसानी होती है। वहीं, खाने के आधा घंटे पहले पानी पीने से पाचन बेहतर होता है। खाना खाने के आधे घंटे बाद दो-तीन ग्लास पानी पीने से खाना आसानी से पचता है, रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से नींद अच्छी आती है।

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मानसून में गुनगुना पानी है अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी

 मानसून जैसे ही दस्तक देता है, वह अपने साथ मौसम में नमी और उमस लेकर आता है। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया भी तेजी से पनपते हैं जो कई बीमारियां लेकर आते हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने की आदत आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी ढाल बन सकती है। ‘उष्णं जलं पचति आमं तेन रोगा न जायते’। इस श्लोक के अनुसार, गरम जल टॉक्सिन्स को पचाता है, जिससे रोग नहीं होते। चरक संहिता के अनुसार, मानसून में शरीर की पाचन अग्नि धीमी होती है। इस वजह से जो हम खाते हैं, वह ठीक से नहीं पचता और शरीर में टॉक्सिन बनने लगता है। शरीर में जमा टॉक्सिन पसीने और मूत्र के माध्यम से बाहर निकलते हैं। इसी के साथ ही यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार रहता है, जिससे सर्दी- जुकाम, खांसी से राहत मिलती है। नमी के कारण गले में खराश, कफ और कई तरह के इन्फेक्शन हो सकते हैं। ऐसे में गुनगुना पानी पीने से इन समस्याओं से काफी राहत मिलती है और इन्फेक्शन को दूर करने में भी मदद मिलती है। मानसून के दौरान नमी के कारण शरीर में अक्सर जकडऩ महसूस होती है। रोजाना गुनगुना पानी पीने से मांसपेशियों में होने वाली जकडऩ कम होती है और आराम महसूस होता है। आयुर्वेद के अनुसार, गुनगुना पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे स्किन पर होने वाले कील-मुहांसे की समस्या से भी राहत मिलती है और स्किन ग्लोइंग और शाइनी नजर आने लगती है। सुश्रुत संहिता के अनुसार, सुबह खाली पेट, खाना खाने से आधे घंटे पहले, खाने के आधे घंटे बाद और रात में सोने से पहले गुनगुना पानी पीना चाहिए। जब आप सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीते हैं, तो पाचन तंत्र सक्रिय होता है और मल त्याग में आसानी होती है। वहीं, खाने के आधा घंटे पहले पानी पीने से पाचन बेहतर होता है। खाना खाने के आधे घंटे बाद दो-तीन ग्लास पानी पीने से खाना आसानी से पचता है, रात को सोने से पहले गुनगुना पानी पीने से नींद अच्छी आती है।


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