TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

30-05-2025

संसदीय समिति ने दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता में ‘अस्पष्टता’ पर चिंता जताई

  •  संसद की एक समिति ने दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में ‘अस्पष्टता’ पर चिंता जताई है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार मौजूदा चिंताओं को दूर करने के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का हालिया निर्णय भी भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति की चर्चा में आया। इस आदेश ने दिवाला तंत्र की दक्षता पर बहस छेड़ दी है। शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को बीपीएसएल के परिसमापन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। पिछले महीने न्यायालय ने इस बारे में फैसला सुनाया था। जेएसडब्ल्यू स्टील ने तर्क दिया था कि परिसमापन उसके, ऋणदाताओं और कर्मचारियों के लिए नुकसान वाला होगा। कॉरपोरेट मामलों के सचिव और कई बैंकों के प्रतिनिधि समिति के समक्ष पेश हुए। समिति के सदस्यों ने ‘दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता’ और उभरते मुद्दों के काम की समीक्षा’ के एजेंडा पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि समिति के कुछ सदस्यों ने समाधान प्रक्रिया में देरी जैसी कमियों के बारे में बताया, और कहा कि जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली पिछली समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कानून में कुछ कमियों को उजागर किया था और कुछ बदलावों की सिफारिश की थी। सरकार ने कानून के एक पहले के संशोधन में कुछ सुझावों को शामिल किया था।

Share
संसदीय समिति ने दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता में ‘अस्पष्टता’ पर चिंता जताई

 संसद की एक समिति ने दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में ‘अस्पष्टता’ पर चिंता जताई है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार मौजूदा चिंताओं को दूर करने के लिए कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का हालिया निर्णय भी भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति की चर्चा में आया। इस आदेश ने दिवाला तंत्र की दक्षता पर बहस छेड़ दी है। शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को बीपीएसएल के परिसमापन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। पिछले महीने न्यायालय ने इस बारे में फैसला सुनाया था। जेएसडब्ल्यू स्टील ने तर्क दिया था कि परिसमापन उसके, ऋणदाताओं और कर्मचारियों के लिए नुकसान वाला होगा। कॉरपोरेट मामलों के सचिव और कई बैंकों के प्रतिनिधि समिति के समक्ष पेश हुए। समिति के सदस्यों ने ‘दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता’ और उभरते मुद्दों के काम की समीक्षा’ के एजेंडा पर चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि समिति के कुछ सदस्यों ने समाधान प्रक्रिया में देरी जैसी कमियों के बारे में बताया, और कहा कि जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली पिछली समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कानून में कुछ कमियों को उजागर किया था और कुछ बदलावों की सिफारिश की थी। सरकार ने कानून के एक पहले के संशोधन में कुछ सुझावों को शामिल किया था।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news