पिछले 10 वर्ष में इंडियन स्टॉक मार्केट में रिटेल इंवेस्टरों की डायरेक्ट व इनडायरेक्ट (म्यूचुअल फंड्स के जरिए) होल्डिंग 10 गुना से भी अधिक हो गई है। कैलेंडर ईयर 2024 में ही देश में 2.3 करोड़ नए इंवेस्टर शेयर बाजारों से जुड़े हैं। 2014 में जहां एनएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों के कुल मार्केट कैप में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग 10.9 प्रतिशत थी वहीं वर्तमान में यह बढक़र 17.6 प्रतिशत हो गई है। बहरहाल, इंडिया में यदि ऐसी टॉप लिस्टेड कंपनियों की बात करें जिनमें रिटेल इंवेस्टरों की संख्या सर्वाधिक है तो उसमें टाटा मोटर्स लि. का नाम सबसे ऊपर आता है। 31 मार्च 2025 को टाटा मोटर्स के शेयर रखने वाले रिटेल इंवेस्टरों की संख्या 66 लाख थी जबकि 31 दिसंबर 2024 को यह आंकड़ा 63.4 लाख था। कंपनी में रिटेल इंवेस्टरों की होल्डिंग भी इस दौरान 16.83 प्रतिशत से बढक़र 17.35 प्रतिशत हो गई। टाटा मोटर्स लि. के बाद सर्वाधिक रिटेल इंवेस्टरों की संख्या यस बैंक में है। 31 दिसंबर 2024 को 61.9 लाख की तुलना में 31 मार्च 2025 को यस बैंक लि. के शेयरों में 62.4 लाख रिटेल इंवेस्टर इंवेस्टेड थे। इसी तरह टाटा स्टील, वोडाफोन आइडिया, सुजलॉन एनर्जी व आईआरएफसी लि. के शेयरों में भी लाखों की संख्या में रिटेल इंवेस्टरों का एक्सपोजर है। देश की प्रमुख प्राइवेट लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. की बात करें तो 31 दिसंबर 2024 को 45.6 लाख की तुलना में 31 मार्च 2025 को कंपनी में रिटेल इंवेस्टरों की संख्या मामूली बढक़र 46 लाख हो गई। हालांकि इस दौरान कंपनी में रिटेल होल्डिंग 7.37 प्रतिशत से घटकर 7.25 प्रतिशत रही।
