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23-04-2025

सीमेंट की डिमांड में 2025-26 में 7.5% की हो सकती है बढ़ोतरी

  •  चालू वित्त वर्ष में सीमेंट सेक्टर की वृद्धि दर 6.5 से 7.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसकी वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मंत्रालयों का बजटीय आवंटन बढ़ाना और सामान्य से अधिक मानसून की संभावना का होना है, जिससे ग्रामीण हाउसिंग मांग को बढ़ावा मिल सकता है। यह जानकारी क्रिसिल की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की मांग में वृद्धि 4.5-5.5 प्रतिशत के मध्यम स्तर पर रही। इसकी वजह आम चुनावों के कारण वित्त वर्ष की सुस्त शुरुआत और सामान्य से अधिक मानसून होना था, जिसका असर कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर देखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पहली छमाही में राज्य सरकार के कमजोर खर्च के कारण भी प्रोजेक्ट पूरे होने की गति धीमी हो गई और धीमे रियल एस्टेट मार्केट ने अर्बन हाउसिंग को प्रभावित किया। रिपोर्ट में बताया गया, घरेलू सीमेंट की मांग में 29 से 31 प्रतिशत का योगदान देने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर की चालू वित्त वर्ष में भी मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका होने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में सडक़ों का सबसे बड़ा योगदान रहा है, उसके बाद रेलवे, सिंचाई और शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्थान है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि रूरल हाउसिंग की सीमेंट की खपत में प्रमुख भूमिका बनी रहेगी, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी 32-34 प्रतिशत होगी, क्योंकि अच्छे मानसून से कृषि आय में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे घरों की मांग बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्र के लिए चलाई जा रही पीएमजीएसवाई और मनरेगा जैसी केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी उच्च बजटीय आवंटन के कारण उपभोग को बढ़ावा देंगी। अर्बन हाउसिंग सेगमेंट, जिसे वित्त वर्ष 2025 में रियल एस्टेट की सुस्ती के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, चालू वित्त वर्ष में फिर से गति पकडऩे की उम्मीद है, जिसका कारण कम आधार, ब्याज दरों में कटौती और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत एग्जीक्यूशन में सुधार होना है। केंद्रीय बजट 2025-26 में इस योजना के लिए आवंटन में 45 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। घरेलू सीमेंट मांग में 13-15 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला इंडस्ट्रियल और कमर्शियल सेगमेंट इस वित्त वर्ष में स्थिर वृद्धि दिखा सकता है। इसकी वजह कमर्शियल रियल एस्टेट और वेयरहाउसिंग की मांग बढऩा है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक सेहुल भट्ट ने कहा, सीमेंट की मांग में 63-65 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले शीर्ष 12 राज्य ने अपने बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आवंटन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा, सरकार की ओर से ऊर्जा, खनिज और सीमेंट उद्योगों के लिए विशेष रेल गलियारे स्थापित करने पर फोकस किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने से मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है।

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सीमेंट की डिमांड में 2025-26 में 7.5% की हो सकती है बढ़ोतरी

 चालू वित्त वर्ष में सीमेंट सेक्टर की वृद्धि दर 6.5 से 7.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसकी वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मंत्रालयों का बजटीय आवंटन बढ़ाना और सामान्य से अधिक मानसून की संभावना का होना है, जिससे ग्रामीण हाउसिंग मांग को बढ़ावा मिल सकता है। यह जानकारी क्रिसिल की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की मांग में वृद्धि 4.5-5.5 प्रतिशत के मध्यम स्तर पर रही। इसकी वजह आम चुनावों के कारण वित्त वर्ष की सुस्त शुरुआत और सामान्य से अधिक मानसून होना था, जिसका असर कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर देखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक, पहली छमाही में राज्य सरकार के कमजोर खर्च के कारण भी प्रोजेक्ट पूरे होने की गति धीमी हो गई और धीमे रियल एस्टेट मार्केट ने अर्बन हाउसिंग को प्रभावित किया। रिपोर्ट में बताया गया, घरेलू सीमेंट की मांग में 29 से 31 प्रतिशत का योगदान देने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर की चालू वित्त वर्ष में भी मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका होने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में सडक़ों का सबसे बड़ा योगदान रहा है, उसके बाद रेलवे, सिंचाई और शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्थान है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि रूरल हाउसिंग की सीमेंट की खपत में प्रमुख भूमिका बनी रहेगी, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी 32-34 प्रतिशत होगी, क्योंकि अच्छे मानसून से कृषि आय में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे घरों की मांग बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्र के लिए चलाई जा रही पीएमजीएसवाई और मनरेगा जैसी केंद्र सरकार की कई योजनाएं भी उच्च बजटीय आवंटन के कारण उपभोग को बढ़ावा देंगी। अर्बन हाउसिंग सेगमेंट, जिसे वित्त वर्ष 2025 में रियल एस्टेट की सुस्ती के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, चालू वित्त वर्ष में फिर से गति पकडऩे की उम्मीद है, जिसका कारण कम आधार, ब्याज दरों में कटौती और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत एग्जीक्यूशन में सुधार होना है। केंद्रीय बजट 2025-26 में इस योजना के लिए आवंटन में 45 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। घरेलू सीमेंट मांग में 13-15 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला इंडस्ट्रियल और कमर्शियल सेगमेंट इस वित्त वर्ष में स्थिर वृद्धि दिखा सकता है। इसकी वजह कमर्शियल रियल एस्टेट और वेयरहाउसिंग की मांग बढऩा है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक सेहुल भट्ट ने कहा, सीमेंट की मांग में 63-65 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले शीर्ष 12 राज्य ने अपने बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आवंटन में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा, सरकार की ओर से ऊर्जा, खनिज और सीमेंट उद्योगों के लिए विशेष रेल गलियारे स्थापित करने पर फोकस किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने से मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है।


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