अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसीप्रोकल टैरिफ के कारण अमेरिका में मंदी की बढ़ रही आशंकाओं के चलते दुनियाभर के देशों के शेयर बाजारों में व्यापक गिरावट देखने को मिल रही है। टैरिफ की इस ‘गर्मी’ के बीच इंडिया का आईपीओ मार्केट भी ‘ठंडा’ पड़ गया है व पिछले 2 महिनों से यहां एक्टिविटी एकदम ठप पड़ गई है। इंडियन शेयर बाजारों में देखी जा रही व्यापक वोलेटिलिटी के कारण अप्रेल के अंत में आईपीओ लाने का प्लान करने वाली एथर एनर्जी व एलजी इलेक्ट्रोनिक ने भी फिलहाल आईपीओ को पोस्टफोन करने का निर्णय कर लिया है। होम एप्लायंस कंपनी एलजी इलेक्ट्रोनिक्स जहां 15000 करोड़ रुपए आईपीओ के जरिए जुटाना चाहती है, वहीं इलेक्ट्रिक स्कूटर मैन्यूफेक्चरर एथर एनर्जी लि. 4000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती थी। मार्केट पार्टिसिपेंट्स के अनुसार शेयर बाजारों में गिरावट के कारण वैल्यूएशन में आई कमी के चलते दोनों ही कंपनियां आईपीओ साइज व वैल्यूएशनंस को भी कम करने पर विचार कर रही है। हालांकि ऑफिशियल रूप से किसी भी कंपनी ने फिलहाल इसकी घोषणा नहीं की है। एलजी इलेक्ट्रोनिक्स को जहां पिछले महिने ही सेबी से आईपीओ के लिए एप्रूवल मिली थी, वहीं एथर एनर्जी को दिसंबर में ही एप्रूवल मिल गई थी। इनके अलावा स्मार्ट वक्र्स, ब्रिगेड होटल वेंचर्स, एजिस वोपाक टर्मिनल्स, एनएसडीएल, इंडिक्यूब व इंडोगल्फ क्रॉप साइंस लि. जैसी कंपनियां भी आईपीओ लाने के लिए तैयार बैठी हैं। मार्च 2025 में एक भी आईपीओ मार्केट में लांच नहीं हुआ, जबकि अप्रेल में भी अब तक आईपीओ लाने की घोषणा किसी भी कंपनी ने नहीं की है। यदि अप्रेल में भी कोई आईपीओ नहीं आता है तो फरवरी 2023 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब लगातार 2 महिने कोई आईपीओ लांच नहीं हुआ हो। एलजी की इंडिया में कोई डायरेक्ट लिस्टेड कंपिटिटर नहीं है पर रिलेटेड सेक्टरों में एक्विट हैवल्स व वोल्टास जैसी कंपनियों की स्थिति देखें तो इनके शेयर पिछले 6 महिने में 25% गिर चुके हैं। इसी तरह एथर एनर्जी की कंपिटिटर ओला इलेक्ट्रिक के शेयर आईपीओ प्राइस की तुलना में वर्तमान में 33' नीचे ट्रेड कर रहे हैं। ऐसे में आईपीओ प्लान कर रही कंपनियों को भी वेल्यूएशंस को कम करना होगा।
