बंगलौर से नई अदरक की आपूर्ति होने के बाद भी इसकी कीमत में तेजी आई है। सौंठ की बिक्री सुस्त बनी होने से इसमें स्थिरता का रुख बना हुआ है। महाराष्टï्र में उत्पादन बढऩे के कारण सौंठ की आपूर्ति पर दबाव बना हुआ है। अत: आगामी दिनों में सौंठ में तेजी की संभावना नहीं है। यहां पर बंगलौर से अदरक की नई फसल की आवक का श्रीगणेश हो चुका है। इसकी कीमत 40-45 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई है। हाल ही में इसमें 10-15 रुपए की तेजी आई है। इसकी वजह से कर्नाटक की पुरानी अदरक भी हाल ही में 20 रुपए तेज होकर फिलहाल 70-75 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर ही बनी हुई है। पूर्व में केरल की कोच्चि मंड़ी में सौंठ की थोक कीमत हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर फिलहाल क्वालिटीनुसार 230/250 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास बनी हुई है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें 15-25 रुपए की तेजी आई थी। गौरतलब है कि बीते सीजन में अदरक की कीमत तेज होती हुई 200-225 रुपए के रिकॉर्डतोड़ स्तर पर जा पहुंची थी। कीमत उम्मीद से अधिक आकर्षक बनी होने के कारण किसानों ने अपनी अदरक की करीब सारी की सारी फसल बेच दी थी। आवक और उपलब्धता सामान्य से कमजोर होने के परिणामस्वरूप सौंठ बनाने के लिए अदरक मिल ही नहीं रही थी। यही वजह है कि उत्पादक राज्यों से अदरक और सौंठ की आवक तुलनात्मक से कमजोर ही बनी रही थी। इसके विपरीत इस बार देश में सौंठ क उत्पादन अच्छा हुआ है। उधर, केरल की कोच्चि मंड़ी में नई सौंठ की आवक का श्रीगणेश होने के बाद से लेकर अभी तक कभी भी पर्याप्त दबाव नहीं बना है। गौरतलब है कि अदरक में तेजी का प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि नाइजीरिया में इस बार सौंठ का उत्पादन करीब 50 प्रतिशत लुढक़ने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। इधर, सौंठ सामान्य में हाल ही में 500 रुपए और मंदी होकर फिलहाल 22,500/23,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। इसके अलावा ऐसी सूचनाएं भी आ रही हैं कि महाराष्ट्र में इस बार सौंठ का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। वहां इसकी कीमत भी काफी नीची बनी होने की जानकारी मिली। इसकी वजह से पिसाई वालों की मांग महाराष्ट्र पर केन्द्रित हो गई है। हालांकि केरल में सौंठ की आवक आवक चल रही है लेकिन इसकी कीमत में स्थिरता का रुख बना हुआ है। अत: आगामी दिनों में सौंठ बढऩे की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।