छोटी इलायची की वर्तमान फसल अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसकी वजह से नीलामियों में इसकी आवक में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। इसके बाद भी इसकी थोक कीमत में मंदी आती जा रही है आगामी दिनों में भी हाजिर में छोटी इलायची और मंदी होने की आशंका है। छोटी इलायची की वर्तमान फसल अपने अंतिम चरण में है। इसकी वजह से विभिन्न नीलामियों में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखी जा रही है। हालांकि पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय हुई स्पेशियल्टी इंयिन फूड पाक्र्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नीलामी में छोटी इलायची की आवक घटकर 50,807 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से नीची होने के बाद भी लिवाली कमजोर ही बनी होने से इसकी औसत नीलामी कीमत गिरकर 2139.29 रुपए प्रति किलोग्राम रह जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 28 अप्रैल को हुई इस नीलामी में इसकी 72,653 किलोग्राम की आवक हुई थी तथा इसकी औसत नीलामी कीमत 2261.80 रुपए प्रति किलोग्राम रही थी। इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की चर्चाएं चल रही थी। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन बढऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम फिलहाल में 250 रुपए गिरकर फिलहाल 2450/2550 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें इतनी ही मंदी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आरंभिक आठ महीनों में देश से 1055.48 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 4496.40 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 3588.11 टन मात्रा का निर्यात हुआ था। और इससे 542.26 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची में और मंदी आने का डर बना हुआ है।