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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

13-05-2025

क्या सिखाता है वॉरेन बफे का ‘कॅरियर’!

  •  जितेंद्र कोठारी

    पिछले दिनों वॉरेन बफे द्वारा अपनी कंपनी की कमान छोडऩे की खबरें पूरी दुनिया के मीडिया में छाई रही जो इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि सिर्फ इंवेस्टिंग की दुनिया के लोग ही नहीं बल्कि हर तरह के काम करने वाले लोग वॉरेन बफे को फॉलो करते हैं व उनकी बातों से प्रभावित होते हैं। वॉरेन बफे वेल्थ जेनरेशन के मामले में कहां से कहां पहुंच गए यह सभी जानते हैं पर ऐसा कर पाने के लिए वे दो बातों पर सबसे ज्यादा जोर देते रहे हैं। पहली यह कि वे जीवन में बहुत Lucky रहे यानि किस्मत ने उनका भरपूर साथ दिया और दूसरी यह कि वे अमेरिका जैसे देश में सही समय पर व सही परिस्थितियों में जन्में जिसके चलते उनके लिए अवसरों को हासिल करना आसान रहा। वॉरेन बफे की बातों से, उनकी सोच से, उनके वेल्यू सिस्टम से, उनकी इंटेलिजेंस से व कारोबारों को चलाने के उनके फार्मूलों से दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ-साथ आम लोगों ने भी बहुत कुछ सीखा है और इन सीखी गई बातों के प्रभाव वे अपने जीवन व कारोबारों में अनुभव भी कर चुके हैं। कई सालों से वॉरेन बफे द्वारा कही गई बातें लोगों के लिए निर्णय लेने में समझदारी हासिल करने का रेगुलर व मुख्य आधार रही है। बफे को कारोबार चलाने के लिए अपने सुझाव देने में कभी भी शर्म या हिचकिचाहट नहीं हुई जो बताता है कि अपने असूलों पर उन्हें कितना भरोसा है। वे कॉर्पोरेट कल्चर, पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन, Projection (अनुमान लगाना), मीटिंग कल्चर, ज्यादा सैलेरी लेने वाले मैनेजमेंट बोर्ड, सुपर इंटेलिजेंस जैसी बनावटी चीजों को गलत ठहराते आए हैं व कारोबारों में उन्हीं कामों को सही मानते हैं जो कुछ न कुछ योगदान देने वाले होते हैं। वे ब्यूरोक्रेसी को खतरनाक मानते हैं जिसके कारण कई कंपनियों वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाती जैसा वे कर सकती है। पित्जा हट जैसी ग्लोबल फूड चैन चलाने वाली कंपनी के सीईओ का एक किस्सा दिलचस्प है जिनसे वॉरेन बफे द्वारा किए गए एक सवाल ने उनके कारोबार करने के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया। वॉरेन बफे ने उनसे एक मुलाकात के दौरान पूछा कि क्या आप कभी यह बात भी करते हैं कि भविष्य में क्या-क्या गलत हो सकता है? इस सवाल से उन्हे समझ आया कि चुनौतियां का अंदाजा लगाकर उनपर बात करने से विश्वास मजबूत होता है और इस सीख को अपनाते हुए पित्जा हट के सीईओ अपने इंवेस्टरों व कस्टमरों के सामने हमेशा संभावित चुनौतियां भी रखने लगे हैं। बफे के सवालों में जानने की ललक दिखाई देती है व उनसे मिले कई लोगों ने इसे महसूस किया है जो उन्हे एक जिज्ञासू (जानने के लिए उत्सुक) दिमाग वाला व्यक्ति कहते हैं जो हमेशा सीखता ही रहता है। बफे के पढऩे की आदत ने भी कई लोगों को प्रभावित किया है जिसके बारे में बफे का मानना है कि सीखने के लिए पढऩे के अलावा और कोई तरीका हो ही नहीं सकता। उन्हे जानने वाले कहते हैं कि वे अपने शुरुआती दिनों से ही दिन में 6-8 घंटे अखबार, मैगजीन, रिपोर्ट आदि पढऩे में लगाते आए हैं। एक पत्रकार के अनुसार उनका अनुमान कहता है कि बफे अपने जीवन में एक लाख से ज्यादा ्रAnnual Reports पढ़ चुके हैं। बफे खुद अपनी कंपनी का Annual लेटर लिखते हैं जिसका इंतजार दुनियाभर के करोड़ों लोग कंपनी की परर्फोमेंस से ज्यादा उनकी लिखी बातों के लिए करते हैं। वे इतनी सिम्पल व आसान भाषा में अपनी बातें लिखते हैं कि आंकड़ों व नम्बरों के मामलों में कमजोर व्यक्ति भी उनकी बातें आसानी से समझ सकता है। उनके आजतक के सभी ्रAnnual लेटर बर्कशायर कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिन्हें पढऩे में सीखने की इच्छा रखने वालों को अपना समय जरूर इंवेस्ट करना चाहिए। वॉरेन बफे Wastage (बर्बादी) के सख्त खिलाफ रहे हैं और इसे बार-बार वे उदाहरणों से साबित भी करते आए हैं। एक बार किसी रेस्टोरेंट में खाना खाते समय उनका एक चाहने वाला 20 डॉलर के नोट पर उनका ऑटोग्राफ मांगने आया तो उन्होंने अपने साथ बैठे लोगों से पूछा कि क्या किसी के पास 1 डॉलर का नोट है क्योंकि वे ऑटोग्राफ लेने वाले के 19 डॉलर Waste नहीं करना चाहते। इतने बड़े सेलिब्रिटी व दुनिया में अमीरों की लिस्ट में टॉप 5 में होने के बावजूद उनकी विनम्रता व उनतक आसानी से पहुंचने के किस्से कई लोगों के पास मौजूद है। बफे ऐसा ब्रांड बन चुके हैं जिसतक पहुंचना किसी के लिए भी संभव नहीं है इसलिए बफे की शख्सियत को आसान शब्दों में बताते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि बफे जैसा न कोई था, न है और न होगा। बफे इतने अलग है कि बिल गेट्स के अनुसार दुनिया को उनके जैसे लीडर्स की जरूरत है। किसी कारोबार या कारोबार से जुड़े व्यक्ति पर बात करते समय बफे का फार्मूला नाम लेकर तारीफ करने व कैटेगरी (डिमार्टमेंट/काम) पर सवाल या आलोचना करने का रहता है जो मेनेजमेंट की एक जादुई सीख और फार्मूला है। ऐसे ही कई फार्मूलों से बना वॉरेन बफे का लम्बा कॅरियर किसी बिजनस स्कूल के शानदार कोर्स से कम नहीं है, ऐसा कहा जा सकता है।
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क्या सिखाता है वॉरेन बफे का ‘कॅरियर’!

 जितेंद्र कोठारी

पिछले दिनों वॉरेन बफे द्वारा अपनी कंपनी की कमान छोडऩे की खबरें पूरी दुनिया के मीडिया में छाई रही जो इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि सिर्फ इंवेस्टिंग की दुनिया के लोग ही नहीं बल्कि हर तरह के काम करने वाले लोग वॉरेन बफे को फॉलो करते हैं व उनकी बातों से प्रभावित होते हैं। वॉरेन बफे वेल्थ जेनरेशन के मामले में कहां से कहां पहुंच गए यह सभी जानते हैं पर ऐसा कर पाने के लिए वे दो बातों पर सबसे ज्यादा जोर देते रहे हैं। पहली यह कि वे जीवन में बहुत Lucky रहे यानि किस्मत ने उनका भरपूर साथ दिया और दूसरी यह कि वे अमेरिका जैसे देश में सही समय पर व सही परिस्थितियों में जन्में जिसके चलते उनके लिए अवसरों को हासिल करना आसान रहा। वॉरेन बफे की बातों से, उनकी सोच से, उनके वेल्यू सिस्टम से, उनकी इंटेलिजेंस से व कारोबारों को चलाने के उनके फार्मूलों से दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ-साथ आम लोगों ने भी बहुत कुछ सीखा है और इन सीखी गई बातों के प्रभाव वे अपने जीवन व कारोबारों में अनुभव भी कर चुके हैं। कई सालों से वॉरेन बफे द्वारा कही गई बातें लोगों के लिए निर्णय लेने में समझदारी हासिल करने का रेगुलर व मुख्य आधार रही है। बफे को कारोबार चलाने के लिए अपने सुझाव देने में कभी भी शर्म या हिचकिचाहट नहीं हुई जो बताता है कि अपने असूलों पर उन्हें कितना भरोसा है। वे कॉर्पोरेट कल्चर, पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन, Projection (अनुमान लगाना), मीटिंग कल्चर, ज्यादा सैलेरी लेने वाले मैनेजमेंट बोर्ड, सुपर इंटेलिजेंस जैसी बनावटी चीजों को गलत ठहराते आए हैं व कारोबारों में उन्हीं कामों को सही मानते हैं जो कुछ न कुछ योगदान देने वाले होते हैं। वे ब्यूरोक्रेसी को खतरनाक मानते हैं जिसके कारण कई कंपनियों वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाती जैसा वे कर सकती है। पित्जा हट जैसी ग्लोबल फूड चैन चलाने वाली कंपनी के सीईओ का एक किस्सा दिलचस्प है जिनसे वॉरेन बफे द्वारा किए गए एक सवाल ने उनके कारोबार करने के तरीकों को पूरी तरह बदल दिया। वॉरेन बफे ने उनसे एक मुलाकात के दौरान पूछा कि क्या आप कभी यह बात भी करते हैं कि भविष्य में क्या-क्या गलत हो सकता है? इस सवाल से उन्हे समझ आया कि चुनौतियां का अंदाजा लगाकर उनपर बात करने से विश्वास मजबूत होता है और इस सीख को अपनाते हुए पित्जा हट के सीईओ अपने इंवेस्टरों व कस्टमरों के सामने हमेशा संभावित चुनौतियां भी रखने लगे हैं। बफे के सवालों में जानने की ललक दिखाई देती है व उनसे मिले कई लोगों ने इसे महसूस किया है जो उन्हे एक जिज्ञासू (जानने के लिए उत्सुक) दिमाग वाला व्यक्ति कहते हैं जो हमेशा सीखता ही रहता है। बफे के पढऩे की आदत ने भी कई लोगों को प्रभावित किया है जिसके बारे में बफे का मानना है कि सीखने के लिए पढऩे के अलावा और कोई तरीका हो ही नहीं सकता। उन्हे जानने वाले कहते हैं कि वे अपने शुरुआती दिनों से ही दिन में 6-8 घंटे अखबार, मैगजीन, रिपोर्ट आदि पढऩे में लगाते आए हैं। एक पत्रकार के अनुसार उनका अनुमान कहता है कि बफे अपने जीवन में एक लाख से ज्यादा ्रAnnual Reports पढ़ चुके हैं। बफे खुद अपनी कंपनी का Annual लेटर लिखते हैं जिसका इंतजार दुनियाभर के करोड़ों लोग कंपनी की परर्फोमेंस से ज्यादा उनकी लिखी बातों के लिए करते हैं। वे इतनी सिम्पल व आसान भाषा में अपनी बातें लिखते हैं कि आंकड़ों व नम्बरों के मामलों में कमजोर व्यक्ति भी उनकी बातें आसानी से समझ सकता है। उनके आजतक के सभी ्रAnnual लेटर बर्कशायर कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिन्हें पढऩे में सीखने की इच्छा रखने वालों को अपना समय जरूर इंवेस्ट करना चाहिए। वॉरेन बफे Wastage (बर्बादी) के सख्त खिलाफ रहे हैं और इसे बार-बार वे उदाहरणों से साबित भी करते आए हैं। एक बार किसी रेस्टोरेंट में खाना खाते समय उनका एक चाहने वाला 20 डॉलर के नोट पर उनका ऑटोग्राफ मांगने आया तो उन्होंने अपने साथ बैठे लोगों से पूछा कि क्या किसी के पास 1 डॉलर का नोट है क्योंकि वे ऑटोग्राफ लेने वाले के 19 डॉलर Waste नहीं करना चाहते। इतने बड़े सेलिब्रिटी व दुनिया में अमीरों की लिस्ट में टॉप 5 में होने के बावजूद उनकी विनम्रता व उनतक आसानी से पहुंचने के किस्से कई लोगों के पास मौजूद है। बफे ऐसा ब्रांड बन चुके हैं जिसतक पहुंचना किसी के लिए भी संभव नहीं है इसलिए बफे की शख्सियत को आसान शब्दों में बताते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि बफे जैसा न कोई था, न है और न होगा। बफे इतने अलग है कि बिल गेट्स के अनुसार दुनिया को उनके जैसे लीडर्स की जरूरत है। किसी कारोबार या कारोबार से जुड़े व्यक्ति पर बात करते समय बफे का फार्मूला नाम लेकर तारीफ करने व कैटेगरी (डिमार्टमेंट/काम) पर सवाल या आलोचना करने का रहता है जो मेनेजमेंट की एक जादुई सीख और फार्मूला है। ऐसे ही कई फार्मूलों से बना वॉरेन बफे का लम्बा कॅरियर किसी बिजनस स्कूल के शानदार कोर्स से कम नहीं है, ऐसा कहा जा सकता है।

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