माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी डवलपर कम्युनिटी बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने भारत के बढ़ते टैलेंट और नेक्स्ट-जेनरेशन एआई इनोवेशन में देश की उभरती लीडरशिप पर प्रकाश डाला। ‘माइक्रोसॉफ्ट लीडरशिप कनेक्शन इवेंट‘ में नडेला ने बताया कि नए टूल्स और प्लेटफॉर्म्स किस प्रकार लोगों के सॉफ्टवेयर बनाने, एप्लीकेशन तैयार करने और मल्टी-एजेंट एआई सिस्टम डिजाइन करने के तरीके को बदल रहे हैं। नडेला ने कहा कि भारत के पास 2030 तक 57.5 मिलियन डवलपर्स होने का अनुमान है, जो कि देश को वैश्विक स्तर पर एक सबसे बड़ा डवलपर बेस बनाएगा। उन्होंने इसे भारत के लिए एआई का इस्तेमाल कर सामाजिक-स्तरीय सॉल्यूशन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद डवलपर्स पहले से ही गिटहब, एज्योर और माइक्रोसॉफ्ट के नए एआई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल ऐसे एडवांस्ड प्रोजेक्ट्स के लिए कर रहे हैं, जो कि पहले लार्ज स्केल रिसर्च लैब्स तक ही सीमित थे। उन्होंने एआई एप्लीकेशन बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के नए टूल चेन के बारे में जानकारी दी, जिसमें ऐपबिल्डर, कोपाइलेट स्टूडियो और फाउंड्राई शामिल है। नडेला ने सॉफ्टवेयर डवलपमेंट के फ्यूचर पर जानकारी देते हुए कहा कि अब फोकस केवल सिंगल एआई मॉडल पर नहीं रह गया है बल्कि एक ऐसे ब्रॉड इकोसिस्टम को तैयार करने पर है, जहां डवलपर्स अपने लिए एक सही मॉडल को चुन सकें, इसका मूल्यांकन कर सकें और इसे विश्वास के साथ डिप्लॉय कर सकें। नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट इस इकोसिस्टम में एक बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है, ताकि डवलपर्स खासकर भारत में मौजूद डवलपर्स नेक्स्ट-जेनरेशन एप्लीकेशन को तैयार कर सकें। ऐसे एप्लीकेशन जो व्यवसायों द्वारा पहले से इस्तेमाल किए जा रहे डेटा और सिस्टम के साथ आसानी से जुड़ सके। इस बीच, जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी अगले चार वर्षों में भारत में 17.5 अरब डॉलर का निवेश करेगी। यह घोषणा नडेला की पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद की गई।