भारत के टीयर 2 और टीयर 3 शहर सितंबर में हायरिंग में तेजी का नेतृत्व कर रहे हैं। इन शहरों ने मेट्रो मार्केट से आगे निकलते हुए एन्यूअल लेवल पर 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है। जॉब्स एंड टैलेंट प्लेटफॉर्म फाउंडइट की मंथली रिपोर्ट के अनुसार, कुल हायरिंग एक्टिविटी मजबूत रही हैं। फेस्टिव सीजन ने कंज्यूमर-फेसिंग सेक्टर में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया है, जिसमें 2024 की तुलना में अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। ई-कॉमर्स, हॉस्पीटेलिटी आतिथ्य और गिग भूमिकाओं में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। फाउंडइट की मार्केटिंग उपाध्यक्ष ने कहा कि सितंबर में भर्ती की गति फेस्टिव डिमांड और टियर 2 तथा टियर 3 शहरों के लॉन्ग-टर्म टैलेंट हब के रूप में स्ट्रक्चरल उत्थान के एक पावरफुल कॉम्बिनेशन को दर्शाती है हालांकि मेट्रो मार्केट लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन गैर-महानगरीय क्षेत्र इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यह बदलाव एक विकेंद्रीकृत, डायवर्स और मजबूत रोजगार परिदृश्य को दर्शाता है, जो नौकरी चाहने वालों के लिए अवसर पैदा करता है और देश भर के नियोक्ताओं के लिए रणनीतिक लाभ प्रदान करता है। आईटी, बीएफएसआई और मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर ने दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता जैसे टियर-वन शहरों में नियुक्तियों को बढ़ावा दिया। नियुक्तियों में टेक, फाइनेंस और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की मजबूत मांग के साथ इन शहरों में हायरिंग में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी ओर, जयपुर, लखनऊ, कोयंबटूर, इंदौर, भुवनेश्वर, कोच्चि, सूरत, नागपुर और चंडीगढ़ जैसे टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में नियुक्तियों में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसे ई-कॉमर्स वेयरहाउसिंग, खुदरा विस्तार, कस्टमर सपोर्ट हब और फेस्टिव ट्यूरिज्म से बल मिला। सेल्स एंड मार्केटिंग में सालाना आधार पर 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, इसके बाद 5 प्रतिशत वृद्धि के साथ कस्टमर सपोर्ट एंड ऑपरेशन का स्थान रहा। इसी तरह, कैंपेन और ओटीटी एक्टिविटी के बल पर क्रिएटिव एंड मीडिया रोल को लेकर भी सालाना आधार पर 4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। टेक्नोलॉजी एंड प्रोडक्ट रोल को लेकर सालाना आधार पर 3 प्रतिशत और फाइनेंस एंड अकाउंटिंग को लेकर 2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।