भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर में ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स (जीसीसी) प्रमुख संचालक के रूप में उभरे हैं और अगले दो वर्षों में जीसीसी द्वारा लीजिंग में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई। रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीसीसी द्वारा वर्ष 2027 तक 60-65 मिलियन वर्गफुट ग्रेड ए ऑफिस स्पेस लीज पर लिए जाने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन केंद्रों ने वर्ष 2021 से भारत के टॉप सात शहरों में लगभग 100 मिलियन वर्ग फुटलीज पर लिए हैं, जो कुल ऑफिस डिमांड का 36 प्रतिशत है। ग्लोबल कॉर्पोरेट्स द्वारा लीजिंग एक्टिविटी 2025 तक 28 मिलियन वर्गफुट तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2021 के आंकड़े से लगभग दोगुना है। इसके अलावा, कुल ऑफिस लीजिंग में जीसीसी की हिस्सेदारी, जो 2022 में 30 प्रतिशत से भी कम हो गई थी, 2025 में तेजी से बढक़र लगभग 40 प्रतिशत हो गई है। कोलियर्स इंडिया के ऑफिस सर्विसेज मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि भारत में क्षमता केंद्र लगातार इनोवेशन-ड्रिवन, क्षेत्र-विशिष्ट और तकनीकी रूप से इंटीग्रेटेड केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं। ये केंद्र भारत की 40 प्रतिशत से भी अधिक ऑफिस स्पेस डिमांड को पैदा कर सकते हैं। जीसीसी की डिमांड में टेक्नोलॉजी फर्मों का योगदान 37 प्रतिशत रहा, जो चार्ट में सबसे आगे है, जबकि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस और इंजीनियरिंग सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहे हैं, जो भविष्य की लीजिंग में 40-50 प्रतिशत का योगदान दे सकते हैं। बढ़ते आरएंडडी और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग की आवश्यकताओं के कारण जीसीसी में इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग ऑक्यूपायर्स की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत से 17 प्रतिशत तक बढ़ गई है। 2021 से जीसीसी एक्टिविटी में बेंगलुरु और हैदराबाद का योगदान 60 प्रतिशत रहा है। चेन्नई में इस वर्ष 2021 की तुलना में जीसीसी लीजिंग में 5.3 गुना वृद्धि देखी गई है। कोलियर्स इंडिया में नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड ने कहा कि जीसीसी अपने वर्कप्लेस पोर्टफोलियो में अधिक मापनीयता और तेजी चाहते हैं। इसलिए फ्लेक्स स्पेस में भी तेजी आने की संभावना है। साथ ही, टियर टू शहरों में लागत अंतर, इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट और प्रतिभा की उपलब्धता के कारण जीसीसी एक्टिविटी में लगातार वृद्धि देखने को मिल सकती है। वर्ष 2021 से अमेरिका स्थित कंपनियों ने पारंपरिक रूप से कुल जीसीसी अब्सॉर्प्शन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा लिया है। हाल के वर्षों में, यूके, ईएमईए और एपीएसी क्षेत्रों की जीसीसी ने भी अपना विस्तार किया है और भारत में अपनी उपस्थिति को लगातार मजबूत किया है।