दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआईए) 10 करोड़ से अधिक पैसेंजर कैपेसिटी वाले ग्लोबल एयरपोर्ट्स के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जिसकी एन्युअल पैसेंजर कैपेसिटी 10.9 करोड़ है। आधिकारिक एयरलाइन गाइड और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में केवल छह एयरपोर्ट इस विशिष्ट समूह में शामिल हैं। टर्मिनल वन के पूरी तरह से चालू होने के बाद, यह उपलब्धि मई, 2023 में हासिल की गई और एयरपोर्ट बढ़ी हुई क्षमता के साथ 2024 में बंद हो गया। टोक्यो हानेडा के अलावा, यह एशिया का एकमात्र एयरपोर्ट है, जिसे इस श्रेणी में शामिल किया गया है। इसका संचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) द्वारा किया जाता है। दिल्ली एयरपोर्ट की समग्र क्षमता का विस्तार करने के लिए, टर्मिनल 2 के पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण की योजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। गत माह जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, इन्डियन एविएशन इंडस्ट्री में गत 11 वर्षों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है, जो पीएम गतिशक्ति, नेशनल लॉजिस्टिक्ट पॉलिसी, भारतमाला, सागरमाला और उड़ान जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पहलों के तहत एक व्यापक और इंटीग्रेटेड दृष्टिकोण की प्रभावशीलता से प्रेरित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अब 162 एयरपोर्ट कार्यरत हैं, जिनमें हेलीपोर्ट और वॉटर एयरपोर्ट्स शामिल हैं, जबकि 2014 में इनकी संख्या 74 थी। संसद में प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारतीय हवाई अड्डों ने 2024-2025 में 41.2 करोड़ यात्रियों को संभाला, जिनमें 7.7 करोड़ विदेशी और 33.5 करोड़ घरेलू यात्री शामिल हैं। यह गत वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और आम जनता के लिए हवाई यात्रा की लागत कम करने के उद्देश्य से, क्षेत्रीय संपर्क योजना-उड़े देश का आम नागरिक (आरसीएस-उड़ान) 2016 में शुरू की गई थी। इस कार्यक्रम की शुरुआत से, 637 आरसीएस मार्ग, जिनमें 15 हेलीपोर्ट और दो जल हवाई अड्डे शामिल हैं चालू हो चुके हैं । इन बजट उड़ानों ने 1.51 करोड़ से ज्यादा यात्रियों को यात्रा करवाई है।