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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

07-07-2025

153 देशों को टॉय एक्सपोर्ट करता है इंडिया

  •  केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की टॉयज इंडस्ट्री, जो कभी इम्पोर्ट पर बहुत अधिक निर्भर था, अब घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है और 153 देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है।  16वें टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह बदलाव लगातार नीतिगत समर्थन, गुणवत्ता मानकों के प्रवर्तन और लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मजबूत करने के माध्यम से संभव हुआ है। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने भारत को गुणवत्ता के प्रति जागरूक देश बनाने में मदद की है और डोमेस्टिक खिलौना निर्माताओं को ग्लोबल स्टेंडर्ड को पूरा करने में सक्षम बनाया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की 1.4 बिलियन की पापूलेशन एक विशाल कैप्टिव बाजार प्रदान करती है, जो मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए एक स्वाभाविक लाभ पैदा करती है। इस पैमाने के साथ, उद्योग लागत दक्षता प्राप्त कर सकता है और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ा घरेलू बाजार न केवल विस्तार का समर्थन करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए आधार का काम भी करता है। उन्होंने बताया कि सरकार खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना शुरू करने की तैयारी में है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय खिलौना निर्माताओं की डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाकर, गुणवत्तापूर्ण मैन्युफैक्चरिंग सुनिश्चित कर, पैकेजिंग मजबूत कर और ब्रांड निर्माण को समर्थन देकर उन्हें विश्व स्तरीय बनने में मदद करना है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने वैश्विक बाजार में आगे आने के लिए उद्योग को अच्छी ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग और मजबूत उत्पाद डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन तीन पहलुओं को प्राथमिकता दी जाती है तो भारतीय खिलौने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत अपील हासिल कर सकते हैं।उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल पहल की शुरुआत की थी तो कई लोगों ने इसे संदेह के साथ देखा था, क्योंकि विदेशी उत्पाद उपभोक्ता की पसंद पर हावी थे। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत के विजन और इस विश्वास के तहत कि स्थानीय वैश्विक हो सकता है, घरेलू उद्योगों के लिए जागरूकता और समर्थन लगातार बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि खिलौनों की इनोवेटिव अवधारणाएं विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसे अब 20 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे व्यवसायों के लिए कोलेटेरल-फ्री लोन तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश भर में 18 खिलौना क्लस्टरों को समर्थन दिया गया है।

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153 देशों को टॉय एक्सपोर्ट करता है इंडिया

 केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की टॉयज इंडस्ट्री, जो कभी इम्पोर्ट पर बहुत अधिक निर्भर था, अब घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है और 153 देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है।  16वें टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह बदलाव लगातार नीतिगत समर्थन, गुणवत्ता मानकों के प्रवर्तन और लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मजबूत करने के माध्यम से संभव हुआ है। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने भारत को गुणवत्ता के प्रति जागरूक देश बनाने में मदद की है और डोमेस्टिक खिलौना निर्माताओं को ग्लोबल स्टेंडर्ड को पूरा करने में सक्षम बनाया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की 1.4 बिलियन की पापूलेशन एक विशाल कैप्टिव बाजार प्रदान करती है, जो मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए एक स्वाभाविक लाभ पैदा करती है। इस पैमाने के साथ, उद्योग लागत दक्षता प्राप्त कर सकता है और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ा घरेलू बाजार न केवल विस्तार का समर्थन करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए आधार का काम भी करता है। उन्होंने बताया कि सरकार खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना शुरू करने की तैयारी में है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय खिलौना निर्माताओं की डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाकर, गुणवत्तापूर्ण मैन्युफैक्चरिंग सुनिश्चित कर, पैकेजिंग मजबूत कर और ब्रांड निर्माण को समर्थन देकर उन्हें विश्व स्तरीय बनने में मदद करना है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने वैश्विक बाजार में आगे आने के लिए उद्योग को अच्छी ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग और मजबूत उत्पाद डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन तीन पहलुओं को प्राथमिकता दी जाती है तो भारतीय खिलौने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत अपील हासिल कर सकते हैं।उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल पहल की शुरुआत की थी तो कई लोगों ने इसे संदेह के साथ देखा था, क्योंकि विदेशी उत्पाद उपभोक्ता की पसंद पर हावी थे। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत के विजन और इस विश्वास के तहत कि स्थानीय वैश्विक हो सकता है, घरेलू उद्योगों के लिए जागरूकता और समर्थन लगातार बढ़ा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि खिलौनों की इनोवेटिव अवधारणाएं विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसे अब 20 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे छोटे व्यवसायों के लिए कोलेटेरल-फ्री लोन तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश भर में 18 खिलौना क्लस्टरों को समर्थन दिया गया है।


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