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07-07-2025

हैरिटेज ट्यूर ऑफ उड़ीसा

  •  ट्यूर माय इन्डिया हैरिटेज ट्यूर ऑफ उड़ीसा ऑफर कर रहा है। ट्यूर अवधि पांच रात / छह दिन की है। ट्यूर भुवनेश्वर से शुरू होता है और यही पर सम्पन्न होता है। पैकेज में साइट सीइंग, होटल स्टे, मील्स आदि शामिल हैं। ट्यूर के पहले दिन भुवनेश्वर एयरपोर्ट/रेलवे स्टेशन पर अराइवल होगा। सीधे पुरी जायेंगे। पुरी पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। इसके बाद कोनार्क सन टेम्पल देखने के लिये जायेंगे। शाम को जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करेंगे। नाइट स्टे पुरी में ही होगा। गौरतलब है कि कोनॉर्क मंदिर यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट है। दूसरे दिन बे्रकफास्ट के बाद चिल्का लेक की विजिट होगी। यह पुरी से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चिल्का लेक एशिया की सबसे बड़ी लेक है, जो एक मिलियन माइगे्रट्री बडर््स को आकर्षित करती है। यहां पर अनेक ऐसे जानवरों और पक्षियों का बसेरा है जो लुप्त होने के कगार पर हैं। यही नहीं यह बहुत बड़ा फिशरी रिसोर्स है। इसके बाद सतपाड़ा आइलैंड जायेंगे, जो कि इरावडी डॉलफिन और अन्य पक्षियों का बसेरा है। शाम को पुरी लौट आयेंगे। नाइट स्टे पुरी में ही होगा। तीसरे दिन बे्रकफास्ट के बाद पुरी से भुवनेश्वर के लिये प्रस्थान होगा। यह दूरी करीब 65 किलोमीटर की है। रास्ते में पिपली विलेज का अवलोकन करेंगे। यह दुनिया में एप्लीक वर्क के लिये प्रसिद्ध है। इसके बाद धौली पीस पगौडा जायेंगे। यह देश का महत्वपूर्ण बुद्धिस्ट पिल्ग्रीमेज है। यह वही स्थान है, जहां पर राजा अशोक ने कलिंगा युद्ध के बाद बुद्ध की शरण ले ली थी। इसके बाद राजा रानी मंदिर के दर्शन करेंगे। यह मंदिर भगवान ब्रह को समर्पित है। इसके बाद लिंगराज मंदिर के दर्शन करेंगे। जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है। इसके बाद खंडागिरि और उदयगिरी केव की विजिट रखी गई है। यह पहाड़ी पर स्थित है। बाद में भुवनेश्वर पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। नाइट स्टे यहीं पर होगा। चौथे दिन भवनेश्वर से रतनागिरी जायेंगे। यह दूरी करीब 80 किलोमीटर की है। रतनागिरी पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। इसके बाद रतनागिरी म्यूजियम की विजिट रहेगी। यहां पर अधिकांश पत्थर और पीतल से बनी कलाकृतियां संरक्षित की गई है। गौरतलब है कि भुवनेश्वर से करीब नब्बे किलोमीटर की दूसरी पर उदयगिरि स्थित है। उदयगिरी और ललितगिरी दोनों ही बुद्ध को समर्पित स्थल हैं। पांचवे दिन बे्रकफास्ट के बाद रतनागिरी से भितारकनिका जायेंगे। यह करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। भितारकनिका बायोडाइवर्सिटी के लिये प्रसिद्ध हॉट स्पॉट है। देश में सबसे बड़ी जनसंख्या में जायंट सॉल्ट वॉटर क्रोकोडाइल (मगरमच्छ) का निवास यहां पर है। यही नहीं करीब 215 प्रजातियों एवीफॉना, आठ वैरायटी के किंगफिशर यहां पर पाये जाते हैं। यह देश का दूसरा बड़ा वायबल मैंग्रोव इको-सिस्टम भी है। साथ ही गहिरमाथा का अवलोकन भी करेंगे, जो कि ऑलिव रिडली सी टर्टल्स के लिये जाना जाता है। रात्री प्रवास भितारकनिका में होगा। छठे दिन बे्रकफास्ट के बाद भुवनेश्वर जायेंगे और यहां से होमटाउन के लिये डिपार्चर होगा। अधिक जानकारी के लिये मोबाइल नम्बर 9212553175 पर कॉम कर सकते हैं।

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हैरिटेज ट्यूर ऑफ उड़ीसा

 ट्यूर माय इन्डिया हैरिटेज ट्यूर ऑफ उड़ीसा ऑफर कर रहा है। ट्यूर अवधि पांच रात / छह दिन की है। ट्यूर भुवनेश्वर से शुरू होता है और यही पर सम्पन्न होता है। पैकेज में साइट सीइंग, होटल स्टे, मील्स आदि शामिल हैं। ट्यूर के पहले दिन भुवनेश्वर एयरपोर्ट/रेलवे स्टेशन पर अराइवल होगा। सीधे पुरी जायेंगे। पुरी पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। इसके बाद कोनार्क सन टेम्पल देखने के लिये जायेंगे। शाम को जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करेंगे। नाइट स्टे पुरी में ही होगा। गौरतलब है कि कोनॉर्क मंदिर यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट है। दूसरे दिन बे्रकफास्ट के बाद चिल्का लेक की विजिट होगी। यह पुरी से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चिल्का लेक एशिया की सबसे बड़ी लेक है, जो एक मिलियन माइगे्रट्री बडर््स को आकर्षित करती है। यहां पर अनेक ऐसे जानवरों और पक्षियों का बसेरा है जो लुप्त होने के कगार पर हैं। यही नहीं यह बहुत बड़ा फिशरी रिसोर्स है। इसके बाद सतपाड़ा आइलैंड जायेंगे, जो कि इरावडी डॉलफिन और अन्य पक्षियों का बसेरा है। शाम को पुरी लौट आयेंगे। नाइट स्टे पुरी में ही होगा। तीसरे दिन बे्रकफास्ट के बाद पुरी से भुवनेश्वर के लिये प्रस्थान होगा। यह दूरी करीब 65 किलोमीटर की है। रास्ते में पिपली विलेज का अवलोकन करेंगे। यह दुनिया में एप्लीक वर्क के लिये प्रसिद्ध है। इसके बाद धौली पीस पगौडा जायेंगे। यह देश का महत्वपूर्ण बुद्धिस्ट पिल्ग्रीमेज है। यह वही स्थान है, जहां पर राजा अशोक ने कलिंगा युद्ध के बाद बुद्ध की शरण ले ली थी। इसके बाद राजा रानी मंदिर के दर्शन करेंगे। यह मंदिर भगवान ब्रह को समर्पित है। इसके बाद लिंगराज मंदिर के दर्शन करेंगे। जैसा कि नाम से पता चलता है कि यह भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है। इसके बाद खंडागिरि और उदयगिरी केव की विजिट रखी गई है। यह पहाड़ी पर स्थित है। बाद में भुवनेश्वर पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। नाइट स्टे यहीं पर होगा। चौथे दिन भवनेश्वर से रतनागिरी जायेंगे। यह दूरी करीब 80 किलोमीटर की है। रतनागिरी पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। इसके बाद रतनागिरी म्यूजियम की विजिट रहेगी। यहां पर अधिकांश पत्थर और पीतल से बनी कलाकृतियां संरक्षित की गई है। गौरतलब है कि भुवनेश्वर से करीब नब्बे किलोमीटर की दूसरी पर उदयगिरि स्थित है। उदयगिरी और ललितगिरी दोनों ही बुद्ध को समर्पित स्थल हैं। पांचवे दिन बे्रकफास्ट के बाद रतनागिरी से भितारकनिका जायेंगे। यह करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहुंचकर होटल चैकइन करेंगे। भितारकनिका बायोडाइवर्सिटी के लिये प्रसिद्ध हॉट स्पॉट है। देश में सबसे बड़ी जनसंख्या में जायंट सॉल्ट वॉटर क्रोकोडाइल (मगरमच्छ) का निवास यहां पर है। यही नहीं करीब 215 प्रजातियों एवीफॉना, आठ वैरायटी के किंगफिशर यहां पर पाये जाते हैं। यह देश का दूसरा बड़ा वायबल मैंग्रोव इको-सिस्टम भी है। साथ ही गहिरमाथा का अवलोकन भी करेंगे, जो कि ऑलिव रिडली सी टर्टल्स के लिये जाना जाता है। रात्री प्रवास भितारकनिका में होगा। छठे दिन बे्रकफास्ट के बाद भुवनेश्वर जायेंगे और यहां से होमटाउन के लिये डिपार्चर होगा। अधिक जानकारी के लिये मोबाइल नम्बर 9212553175 पर कॉम कर सकते हैं।


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