नई दिल्ली। गत सप्ताह उत्पादकों की व्यापार नीति में खींचतान के चलते दूध पाउडर में 10/12 रुपए प्रति किलो का मंदा आ गया। जबकि कुछ कम्पनियां बढ़े भाव पर टिकी रहीं। अभी नया सीजन शुरू होने में साढ़े तीन महीने का और समय लगेगा तथा आगे खपत का समय है। इसे देखते हुए भले ही 10 रुपए व्यापार की नीति के अंतर्गत कम्पनियां तोड़ दें, लेकिन स्थायी मंदा नहीं है। आगे चलकर बढिय़ा प्रोटीन का दूध पाउडर 300 रुपए बिकना ही है। देशी घी पूर्वस्तर पर टिका रहा है। माल की कमी से मंदा नहीं लगता। आलोच्य सप्ताह उत्तर भारत के सभी प्लांट मेन्टेनेन्स में चले गये। कुछ लिक्विड दूध प्लांटों में आ रहा है, लेकिन उनकी दैनिक आपूर्ति लूज़ व पोलीपैक में होनी जरूरी है। अब स्टॉक का दूध पाउडर ही मंडियों में बिक रहा है। हालांकि सरकारी संस्थानों द्वारा पुराना माल 210/215 रुपए प्रति किलो बेचे जाने से कुछ प्राइवेट कम्पनियां भी व्यापार नीति के अंतर्गत्ï 10 रुपए किलो घटाकर भाव कोट करने लगीं, लेकिन यूपी की कुछ बड़ी कम्पनियों ने उत्पादन बंद होने एवं नये सीजन में साढ़े तीन महीने का समय बाकी होने से दूध पाउडर के भाव नहीं घटाये। यूपी के 36-37 प्रोटीन वाले माल 245/250 रुपए बिक रहे हैं। वहीं नीचे वाले माल 225/230 रुपए पर आ गये हैं। बाजारों में चर्चा है कि कुछ अराजक तत्व एक्सपाइरी माल को संस्थानों से खरीदकर दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न गोदामों में कोई भी रेपुटिड ब्रांड बनाकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। इसके अलावा माल्टोडेक्सट्रिन एवं वे-पाउडर वाला माल 190/200 रुपए के आसपास बिक रहा है। उक्त अवधि के अंतराल देशी घी 6000/6300 रुपए प्रति टीन पर टिका रहा। प्लांटों में मक्खन 235/237 रुपए बिक रहा है। अभी फैट्स की खपत के लिए लम्बा समय बाकी है, जिससे मक्खन व देशी घी में 5/10 रुपए किलो की तेजी आ सकती है।
- एनएनएस