जीएसटी 2.0 से सुस्त पड़ी ऑटो इंडस्ट्री को फेस्टिवल सेलीब्रेट करने का बहाना मिल गया। ठीक भी है क्योंकि प्रॉडक्ट अफोर्डेबिलिटी को लेकर कस्टमर का नजरिया सुधरेगा जिससे पेंट अप डिमांड कन्वर्ट होगी और फायदा ऑटो इंक को ही होगा। लेकिन बीएनपी परिबा इंडिया के एनेलिस्ट कुमार राकेश ने कहा कि एंट्री-लेवल कार सेगमेंट में दबाव बना हुआ है, क्योंकि पहली बार खरीदने वालों के लिए अफोर्डेबिलिटी अभी भी बड़ा बैरियर है। हालांकि डिमांड में सुधार दिख रहा है लेकिन एंट्री लेवल कार का रिवाइवल दूर की कौड़ी है। जीएसटी दर में कटौती से टू-व्हीलर मार्केट में रौनक लौटने की खबर है। अधिकांश मॉडलों की प्राइस 2-11 परसेंट तक घट गई है। डीलरों को डिमांड में तेजी दिख रही है और एनेलिस्ट्स का मानना है कि आने वाले महीनों में सेल्स ग्रोथ और बढ़ेगी। लेकिन इसमें एबीएस का नियम बड़ा फच्चर साबित हो सकता है। कुमार राकेश ने चेताया है कि जनवरी से लागू होने वाला इस नये नियम से एंट्री लेवल टू-व्हीलर बैक टू बेसिक्स (जहां से चले वहीं आ जाना) हो जाएंगे। क्योंकि एबीएस जरूरी हो जाने से एंट्री लेवल टू-व्हीलर की कॉस्ट बढ़ जाएगी यानी जीएसटी 2.0 से जो राहत मिली है उसका असर कम हो जाएगा। राकेश ने कहा 125 सीसी तक की बाइक्स के लिए आने वाले एबीएस नियम जीएसटी से हुए फायदे को कम कर देंगे और इसका एंट्री-लेवल टू-व्हीलर की डिमांड पर भी पड़ेगा। नोमुरा की जून 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार एबीएस के चलते टू-व्हीलर की डिमांड 2-4 परसेंट तक घट सकती है। एबीएस की लागत करीब 2 हजार रुपये होगी और डिस्क ब्रेक की एक हजार रुपये। यानी एबीएस नियम के चलते एंट्री लेवल टू-व्हीलर की प्राइस 3-5 परसेंट तक बढ़ सकती है। नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट इंश्योरेंस प्रीमियम और बीएस-6 एमिशन नॉम्र्स आदि के चलते सेल्स पर पड़े असर के आधार पर तैयार की है। इन दोनों ही रेगुलेटरी फैसलों का सेल्स पर असर पड़ा था और इस बार भी एबीएस नियम का एंट्री-लेवल सेगमेंट 100-125 सीसी बाइक्स, स्कूटर और मोपेड्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। और इस नियम की चपेट में अमूमन सभी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर भी आएंगे। ईवी में केवल ओला एस1 और एस1एक्स प्लस में ही एबीएस है। कुमार राकेश के अनुसार 125 सीसी के कम के मॉडलों का हीरो मोटोकॉर्प की सेल्स में 79 परसेंट, टीवीएस मोटर की सेल्स 54 परसेंट और बजाज ऑटो की सेल्स में 24 परसेंट शेयर है। हालांकि कुमार राकेश ने उम्मीद जताई कि आने वाली कुछ तिमाहियों में टू-व्हीलर सेगमेंट की ग्रोथ मजबूत बनी रहेगी। राकेश ने कहा कि एंट्री-लेवल पैसेंजर वेहीकल सेगमेंट में दबाव जारी रहेगा, क्योंकि फस्र्ट टाइम कार बायर के लिए अभी भी अफोर्डेबिलिटी के सवाल है। कार बाजार में फस्र्ट टाइम कार बायर का शेयर लगभग 49 परसेंट से घटकर 40 परसेंट रह गया है।