कई होटल कंपनियों के शेयरों ने कैलेंडर ईयर 2025 में नेगेटिव रिटर्न दिया है। इस दौरान ईआईएच लि., इंडिया होटल्स, जूनिपर होटल्स व बाइक होस्पिटेलिटी जैसी कंपनियों के शेयरों में 3 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं कामत होटल्स, ताज जीवीके, लैमन ट्री, सामही होटल्स व शैले होटल्स जैसी कंपनियों के शेयरों में इस दौरान 3-31 प्रतिशत तक की बढ़त आई है। हालांकि यह भी इनके वार्षिक उच्च लेवल्स से 8 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत नीचे हैं। जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में 7500 रुपये प्रति रात तक वाले होटल रूम्स पर जीएसटी की रेट को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है जबकि 7500 रुपये से अधिक वाले होटल रूम्स पर जीएसटी की रेट 18 प्रतिशत ही बनी रहेगी। कई एनालिस्ट्स के अनुसार होटल्स पर उक्त जीएसटी कट का डिमांड व ओक्यूपेंसी के लिहाज से पॉजिटिव इंपैक्ट पडऩे की उम्मीद है। इसमें भी प्रमुख रूप से टियर-2 व टियर-3 शहरों, रीलीजियस ट्यूरिज्म हब व छोटी बिजनस लोकेशंस पर स्थित नॉन-लग्जरी होटल्स को असल बेनेफिट मिलेगा। एक्सपटर्स के अनुसार जीएसटी कट का सबसे अधिक बेनेफिट लैमन-ट्री होटल्स, सामही होटल्स, रॉयल आर्किड होटल्स, कामत होटल्स, सायाजी होटल्स व एस्पायर होस्पिटेलिटी जैसे प्लेयर्स को मिलने की उम्मीद है। होटल्स के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ढ्ढञ्जष्ट) को क्लेम नहीं कर पाना नेगोटिव पहलू होगा जिससे होटल कंपनियों के प्रोफिट मार्जिन इंपैक्ट होगा। होटल कंपनियां फूड एंड बेवरेज सप्लाई, अपहोल्सटरी, मैट्रेस, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी, इलेक्ट्रोनिक गुड्स व फर्नीचर जैसे रॉ-मेटेरियल एवं ओपेरटिंग सप्लाई पर ITC क्लेम कर पाएंगे। इनमें से अधिकतर आइटम 5 प्रतिशत जीएसटी ब्रेकेट में होंगे जबकि कुछ 18 प्रतिशत ब्रेकेट में होंगे, ऐेसे में 7500 रुपये से कम के होटल रूम्स वाली होटल कंपनियों के लिए एडीशनल कॉस्ट बर्डन 5-7 प्रतिशत रह सकता है। एक ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि इंडियन होस्पिटेलिटी सेक्टर के लिए 2-3 वर्ष के लिए आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। चालू फाइनेंशियल ईयर के सेकंड हाफ में डिमांड रिवाइवल व प्रोफिटेबिलिटी में ग्रोथ के चलते मिड व स्मॉल कैप होटल शेयरों में री-रेटिंग देखने को मिल सकती है।