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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

11-09-2025

1 साल में 1.5 लाख रुपये के लेवल पर पहुंच सकती है चांदी

  •  मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत औद्योगिक मांग, कमजोर डॉलर और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश प्रवाह के कारण आने वाले महीनों में चांदी की कीमतें 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। इस दृष्टिकोण के अनुसार, वैश्विक बाजारों में, चांदी 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकती है। अपने तिमाही पूर्वानुमान में, वित्तीय सेवा कंपनी ने कहा कि चांदी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर इस साल अबतक लगभग 37 प्रतिशत का लाभ दिया है, जो कई परिसंपत्ति वर्गों से बेहतर प्रदर्शन है। चांदी को निवेश और औद्योगिक मांग, भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति में ढील की उम्मीदों के मिश्रण से लाभ हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, अपने पिछले लक्ष्यों को हासिल करने के बाद, हमारा मानना है कि चांदी में और भी तेजी आने की संभावना है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमें उम्मीद है कि घरेलू मोर्चे पर कीमतें छह महीनों में धीरे-धीरे 1,35,000 रुपये प्रति किलोग्राम और फिर 12 महीनों में 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम की ओर बढ़ेंगी, बशर्ते रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.5 के आसपास कारोबार करे।’’अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) को उम्मीद है कि कॉमेक्स चांदी वायदा शुरुआत में 45 डॉलर प्रति औंस और तेजी के अगले चरण में 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चांदी के तेजी के अनुमान को कई कारकों का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका स्थित सिल्वर इंस्टिट्यूट का अनुमान है कि वर्ष 2025 में औद्योगिक मांग कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत हो सकती है, और सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और 5जी बुनियादी ढांचे जैसी हरित प्रौद्योगिकियों की मांग अगली कुछ तिमाहियों में चांदी के लिए सकारात्मक तस्वीर पेश करती रहेगी। घरेलू मोर्चे पर, भारत ने वर्ष 2025 की पहली छमाही में 3,000 टन से अधिक चांदी का आयात किया है, जो उद्योग और निवेशकों दोनों की अच्छी रुचि को दर्शाता है। भारत में चांदी ईटीएफ में इस वर्ष प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में भी तेज वृद्धि देखी गई है। कॉमेक्स पर चांदी में इस साल अब तक 41.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सोने में 34.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके विपरीत, लंदन मेटल्स एक्सचेंज पर तांबे जैसी आधार धातुओं में अपेक्षाकृत मामूली 14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

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1 साल में 1.5 लाख रुपये के लेवल पर पहुंच सकती है चांदी

 मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत औद्योगिक मांग, कमजोर डॉलर और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सुरक्षित निवेश प्रवाह के कारण आने वाले महीनों में चांदी की कीमतें 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। इस दृष्टिकोण के अनुसार, वैश्विक बाजारों में, चांदी 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकती है। अपने तिमाही पूर्वानुमान में, वित्तीय सेवा कंपनी ने कहा कि चांदी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर इस साल अबतक लगभग 37 प्रतिशत का लाभ दिया है, जो कई परिसंपत्ति वर्गों से बेहतर प्रदर्शन है। चांदी को निवेश और औद्योगिक मांग, भू-राजनीतिक तनाव और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति में ढील की उम्मीदों के मिश्रण से लाभ हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, अपने पिछले लक्ष्यों को हासिल करने के बाद, हमारा मानना है कि चांदी में और भी तेजी आने की संभावना है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमें उम्मीद है कि घरेलू मोर्चे पर कीमतें छह महीनों में धीरे-धीरे 1,35,000 रुपये प्रति किलोग्राम और फिर 12 महीनों में 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम की ओर बढ़ेंगी, बशर्ते रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.5 के आसपास कारोबार करे।’’अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) को उम्मीद है कि कॉमेक्स चांदी वायदा शुरुआत में 45 डॉलर प्रति औंस और तेजी के अगले चरण में 50 डॉलर प्रति औंस के स्तर को छू सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चांदी के तेजी के अनुमान को कई कारकों का समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका स्थित सिल्वर इंस्टिट्यूट का अनुमान है कि वर्ष 2025 में औद्योगिक मांग कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत हो सकती है, और सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और 5जी बुनियादी ढांचे जैसी हरित प्रौद्योगिकियों की मांग अगली कुछ तिमाहियों में चांदी के लिए सकारात्मक तस्वीर पेश करती रहेगी। घरेलू मोर्चे पर, भारत ने वर्ष 2025 की पहली छमाही में 3,000 टन से अधिक चांदी का आयात किया है, जो उद्योग और निवेशकों दोनों की अच्छी रुचि को दर्शाता है। भारत में चांदी ईटीएफ में इस वर्ष प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में भी तेज वृद्धि देखी गई है। कॉमेक्स पर चांदी में इस साल अब तक 41.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सोने में 34.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके विपरीत, लंदन मेटल्स एक्सचेंज पर तांबे जैसी आधार धातुओं में अपेक्षाकृत मामूली 14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।


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