सिंगापुरञ्चएजेंसी। जलवायु संरक्षण पर केंद्रित वैश्विक मंच ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की और कहा कि एशिया के ऊर्जा बदलाव में देश की अग्रणी भूमिका है। गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘क्लाइमेट ग्रुप’ की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हेलेन क्लार्कसन ने कहा, ‘‘एशिया में ऊर्जा बदलाव में भारत की अग्रणी भूमिका है। यह अपने जलवायु लक्ष्यों पर स्थिर प्रगति कर रहा है, जिसमें सौर ऊर्जा के प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह उत्साहवर्धक है।’’ क्लार्कसन ने पिछले सप्ताह सिंगापुर में ‘क्लाइमेट ग्रुप एशिया एक्शन समिट’ का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति दिलचस्प रही है।’’ नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 तक भारत की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता 220 गीगावाट तक पहुंच गई है। ‘क्लाइमेट ग्रुप एशिया एक्शन समिट’ का आयोजन आठ मई को किया गया था। इस शिखर सम्मेलन ने समूचे एशिया के व्यापारिक दिग्गजों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर आने का मौका दिया। इसमें इस बात पर चर्चा की गई कि तेजी से बदलती दुनिया में प्रतिस्पर्धी कैसे बने रहें, लागत कैसे कम करें और बाधाओं को तेजी से दूर कैसे करें तथा अवसरों को कहां तलाशें। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें साहसिक नेतृत्व, अभिनव समाधान, रणनीतिक स्वच्छ निवेश और सरकारों की सहमति एवं दीर्घकालिक विचार की आवश्यकता है। एशिया के पास वास्तव में अपनी बढ़त बनाने का एक अविश्वसनीय अवसर है।’’