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16-05-2025

भारत सरकार अब रूरल इंडिया में भी लेगी जॉब का डेटा

  •  देश के सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा कि भारत लेबल फोर्स के डेटा को अब हर महीने जारी करेगा। रोजगार डेटा के संग्रह और रिपोर्टिंग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा में सांख्यिकी और कार्यक्रम निष्पादन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस पीरियडिक लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन सर्वे) में कई बड़े बदलाव किए हैं। रोजगार के डेटा को और अधिक विस्तार देने के लिए अब हर तीन महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का डेटा लिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल से जून 2025 की अवधि के लिए तिमाही रोजगार डेटा अगस्त 2025 में प्रकाशित किया जाएगा। पहले तिमाही अनुमान केवल शहरी क्षेत्रों के डेटा से ही तैयार किए जाते थे। एमओएसपीआई ने यह भी कहा कि अब रोजगार के वार्षिक आंकड़ों की रिपोर्टिंग कैलेंडर वर्ष के आधार पर की जाएगी। पहले यह हर वर्ष जुलाई में होती थी। आंकड़ों की विश्वसनीयता और बारीकियों में सुधार करने के लिए सरकार ने पीएलएफएस के सैंपल साइज को भी बढ़ाया है। पहले 1,02,400 परिवारों में किए जाने वाले सर्वे के अनुसार रिपोर्ट बनाई जाती थी जिसे अब 2,72,304 परिवारों से मिले फीडबैक के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसमें पहली बार जिला स्तर परिवारों को शामिल किया जाएगा। 

     

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भारत सरकार अब रूरल इंडिया में भी लेगी जॉब का डेटा

 देश के सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा कि भारत लेबल फोर्स के डेटा को अब हर महीने जारी करेगा। रोजगार डेटा के संग्रह और रिपोर्टिंग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा में सांख्यिकी और कार्यक्रम निष्पादन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस पीरियडिक लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन सर्वे) में कई बड़े बदलाव किए हैं। रोजगार के डेटा को और अधिक विस्तार देने के लिए अब हर तीन महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का डेटा लिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल से जून 2025 की अवधि के लिए तिमाही रोजगार डेटा अगस्त 2025 में प्रकाशित किया जाएगा। पहले तिमाही अनुमान केवल शहरी क्षेत्रों के डेटा से ही तैयार किए जाते थे। एमओएसपीआई ने यह भी कहा कि अब रोजगार के वार्षिक आंकड़ों की रिपोर्टिंग कैलेंडर वर्ष के आधार पर की जाएगी। पहले यह हर वर्ष जुलाई में होती थी। आंकड़ों की विश्वसनीयता और बारीकियों में सुधार करने के लिए सरकार ने पीएलएफएस के सैंपल साइज को भी बढ़ाया है। पहले 1,02,400 परिवारों में किए जाने वाले सर्वे के अनुसार रिपोर्ट बनाई जाती थी जिसे अब 2,72,304 परिवारों से मिले फीडबैक के आधार पर तैयार किया जाएगा। इसमें पहली बार जिला स्तर परिवारों को शामिल किया जाएगा। 

 


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