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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

15-07-2025

इंडिया में वेयरहाउसिंग ऑपरेशंस का एक्सपेंशन करना चाहती हैं करीब 70% कंपनियां

  •  इंडिया लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए दुनिया में पापूलर डेस्टीनेशन बनता जा रहा है। एशिया-पैसिफिक रीजन की करीब 70 प्रतिशत कंपनियां देश में अगले दो वर्षों में वेयरहाउसिंग फुटप्रिंट का एक्सपेंशन करने की योजना बना रही है। यह जानकारी जारी हुए सीबीआरई सर्वे में दी गई। सर्वे में बताया गया कि भारत में यह बढ़ती रुचि सप्लाई चेन विविधीकरण की ओर व्यापक बदलाव को दर्शाती है, क्योंकि कंपनियां एकल-बाजार रणनीतियों पर निर्भरता कम करने के लक्ष्य पर काम कर रही हैं। सर्वे में कहा गया कि यह क्षेत्र भारत की बाजार क्षमता में मजबूत विश्वास को दिखा रहा है, और भारत में मौजूद 80 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां (भारत में परिचालन करने वाली भारतीय और वैश्विक दोनों कंपनियां) अगले दो वर्षों में अपने वेयरहाउसिंग पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। सर्वे के अनुसार, निकट भविष्य की अनिश्चितताओं के बावजूद, यह क्षेत्र वैश्विक और घरेलू दोनों ही कंपनियों के लिए एक पापूलर डेस्टीनेशन बना हुआ है। सर्वे के मुताबिक, भारत की 90 प्रतिशत कंपनियों ने अगले दो से पांच वर्षों में अपने लॉजिस्टिक्स फुटप्रिंट में विस्तार करने की योजना बनाई है, जो कंपनियों के लंबी अवधि के नजरिए को दिखाता है। सर्वे में कहा गया कि दक्षिण-पूर्वी एशिया और भारत में मजबूत डिमांड के कारण आने वाले समय में लॉजिस्टिक्स सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करेगा। अधिकतर मांग थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल), ई-कॉमर्स, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग (ईएंडएम), ऑटो और ऑटो एंसिलरी, और फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) सेक्टर से आएगी। सीबीआरई में एपीएसी क्षेत्र के अध्यक्ष ने कहा कि भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र एक परिवर्तनकारी विकास के दौर से गुजर रहा है, जो मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे, त्वरित बुनियादी ढांचे के विकास और एक परिपक्व पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा संचालित है, जो मापनीयता, दक्षता और स्थिरता पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे सर्वे से प्राप्त जानकारी इस क्षेत्र में सबसे पसंदीदा लॉजिस्टिक्स डेस्टीनेशन के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करती है।

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इंडिया में वेयरहाउसिंग ऑपरेशंस का एक्सपेंशन करना चाहती हैं करीब 70% कंपनियां

 इंडिया लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए दुनिया में पापूलर डेस्टीनेशन बनता जा रहा है। एशिया-पैसिफिक रीजन की करीब 70 प्रतिशत कंपनियां देश में अगले दो वर्षों में वेयरहाउसिंग फुटप्रिंट का एक्सपेंशन करने की योजना बना रही है। यह जानकारी जारी हुए सीबीआरई सर्वे में दी गई। सर्वे में बताया गया कि भारत में यह बढ़ती रुचि सप्लाई चेन विविधीकरण की ओर व्यापक बदलाव को दर्शाती है, क्योंकि कंपनियां एकल-बाजार रणनीतियों पर निर्भरता कम करने के लक्ष्य पर काम कर रही हैं। सर्वे में कहा गया कि यह क्षेत्र भारत की बाजार क्षमता में मजबूत विश्वास को दिखा रहा है, और भारत में मौजूद 80 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां (भारत में परिचालन करने वाली भारतीय और वैश्विक दोनों कंपनियां) अगले दो वर्षों में अपने वेयरहाउसिंग पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। सर्वे के अनुसार, निकट भविष्य की अनिश्चितताओं के बावजूद, यह क्षेत्र वैश्विक और घरेलू दोनों ही कंपनियों के लिए एक पापूलर डेस्टीनेशन बना हुआ है। सर्वे के मुताबिक, भारत की 90 प्रतिशत कंपनियों ने अगले दो से पांच वर्षों में अपने लॉजिस्टिक्स फुटप्रिंट में विस्तार करने की योजना बनाई है, जो कंपनियों के लंबी अवधि के नजरिए को दिखाता है। सर्वे में कहा गया कि दक्षिण-पूर्वी एशिया और भारत में मजबूत डिमांड के कारण आने वाले समय में लॉजिस्टिक्स सेक्टर बेहतर प्रदर्शन करेगा। अधिकतर मांग थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल), ई-कॉमर्स, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग (ईएंडएम), ऑटो और ऑटो एंसिलरी, और फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) सेक्टर से आएगी। सीबीआरई में एपीएसी क्षेत्र के अध्यक्ष ने कहा कि भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र एक परिवर्तनकारी विकास के दौर से गुजर रहा है, जो मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे, त्वरित बुनियादी ढांचे के विकास और एक परिपक्व पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा संचालित है, जो मापनीयता, दक्षता और स्थिरता पर केंद्रित है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे सर्वे से प्राप्त जानकारी इस क्षेत्र में सबसे पसंदीदा लॉजिस्टिक्स डेस्टीनेशन के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करती है।


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