ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने बेंगलुरु के बाद दिल्ली में भी अपनी 10 मिनट में आपूर्ति करने वाली सेवा ‘अमेजऩ नाऊ’ की शुरुआत कर क्विक सप्लाई मार्केट में गरमाहट बढ़ा दी है। ब्लिंकिट, जेप्टो और स्विगी इंस्टामार्ट जैसी कंपनियां पहले से ही इस क्षेत्र में मौजूद हैं। इस साल अप्रैल में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चंद मिनटों में डिलीवरी सर्विस देने वाली क्विक कॉमर्स कंपनियां किस तरह से खुदरा कारोबार के व्यवहार को संरचनात्मक रूप से नया रूप दे रही हैं। अमेजन ने दिल्ली के चुनिंदा क्षेत्रों में अपनी क्विक सप्लाई सर्विस अमेजन नाऊ शुरू कर दिया है। कंपनी ने देश में पहली बार इस सेवा की शुरुआत गत वर्ष दिसंबर में बेंगलुरु में की थी। अमेजन ऐप के भीतर अब अमेजऩ नाउ टैब चुनिंदा पिनकोड वाले इलाकों में दिखाई देता है। कंपनी जल्द ही इस सेवा की पेशकश अन्य शहरों में भी करने का इरादा रखती है। इस सेवा के तहत कंपनी किराने का सामान, फल और सब्जियां, व्यक्तिगत देखभाल और सौंदर्य उत्पाद, छोटे उपकरण जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति करती है। प्राइम यूजर्स के लिए न्यूनतम 99 रुपये और गैर-प्राइम ग्राहकों के लिए 199 रुपये के ऑर्डर बिना किसी आपूर्ति शुल्क के पहुंचाए जाते हैं। घरेलू रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग्स का अनुमान है कि भारतीयों ने वित्त वर्ष 2024-25 में ब्लिंकिट और इंस्टामार्ट जैसे क्विक-कॉमर्स प्लेटफाम्र्स के जरिये 64,000 करोड़ रुपये के सामान के ऑर्डर दिए। सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) वित्त वर्ष 2027-28 तक तीन गुना होकर दो लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान जताया गया है। हालांकि अपनी तीव्र वृद्धि और आशाजनक संभावनाओं के बावजूद क्विक-कॉमर्स कारोबार ने कई विवादों को भी जन्म दिया है। इनमें खाद्य सुरक्षा में चूक, दावों और अनुपालन में कमियों जैसे मुद्दों पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की नियामकीय जांच भी शामिल है।