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24-10-2025

तीसरी तिमाही में कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 3.4 अरब डॉलर के 132 लेनदेन हुए

  •   भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में डील की संख्या में शानदार वृद्धि दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान कुल 132 लेनदेन हुए, जिनका मूल्य 3.4 अरब डॉलर था। 2024 की तीसरी तिमाही की तुलना में यह आंकड़ा वॉल्यूम को लेकर 6 प्रतिशत और वैल्यू को लेकर 9 प्रतिशत अधिक है। इसमें पब्लिक मार्केट एक्टिविटी भी शामिल हैं। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। ग्रांट थॉर्नटन भारत के कंज्यूमर एंड रिटेल डीलट्रैकर के अनुसार, पब्लिक मार्केट डील को छोडक़र, विलय और अधिग्रहण तथा निजी इक्विटी (पीई) सौदों की संख्या 2.3 अरब डॉलर के 121 डील के बराबर रही, जिससे वैल्यू को लेकर तिमाही आधार पर 168 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह उछाल 10 करोड़ डॉलर से अधिक की पांच हाई-वैल्यू डील और 1 करोड़ डॉलर से अधिक की 26 डील के कारण दर्ज किया गया, जिनका कुल योगदान 2 अरब डॉलर और कुल डील वैल्यू का 89 प्रतिशत था। यह जो पैमाने, ब्रांड की मजबूती और विकासोन्मुखी उपभोक्ता व्यवसायों में निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, नवीन मालपानी ने कहा, तीसरी तिमाही भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर के लिए एक निर्णायक उछाल लेकर आई, जिसमें डील की संख्या बढक़र 132 हो गई और मूल्य 3.4 अरब डॉलर को पार कर गए, जो पिछली तिमाही की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। यह सुधार कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरणों पर निवेशकों के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने और फूड प्रोसेसिंग एवं ई-कॉमर्स में निरंतर गतिविधि के कारण हुआ। मालपानी ने आगे कहा कि इस तिमाही में आउटबाउंड विलय और अधिग्रहण में भी तेजी देखी गई, जिसमें भारतीय कंज्यूमर प्लेयर्स प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करने और वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सीमा पार अधिग्रहण कर रहे हैं। कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरण प्रमुख फोकस बने रहे। जिससे महत्वपूर्ण विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी प्रवाह आकर्षित हुआ, जबकि फूड प्रोसेसिंग और ई-कॉमर्स क्षेत्रों को त्योहारी सीजन की गति का लाभ मिला, ऑनलाइन बिक्री में उछाल और क्विक कॉमर्स ने उपभोक्ताओं का बढ़ता ध्यान आकर्षित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में एवरेज डील साइज 7.2 मिलियन डॉलर से बढक़र 18.8 मिलियन डॉलर हो जाना, वैल्यू-ड्रिवन लेनदेन की ओर बदलाव को दर्शाता है, जो बड़े, कैपिटल-इंटेन्सिव डील्स और पूरे क्षेत्र में चुनिंदा रणनीतिक निवेशों पर आधारित है। 2025 की तीसरी तिमाही में पब्लिक मार्केट एक्टिविटी में मजबूत सुधार देखा गया, जिसमें छह आईपीओ और पांच क्यूआईपी ने 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाए, जो वॉल्यूम को लेकर 5.5 गुना वृद्धि और 2025 की दूसरी तिमाही के 36 मिलियन डॉलर से मूल्य में शानदार उछाल को दर्शाता है।

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तीसरी तिमाही में कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 3.4 अरब डॉलर के 132 लेनदेन हुए

  भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर में 2025 की तीसरी तिमाही में डील की संख्या में शानदार वृद्धि दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान कुल 132 लेनदेन हुए, जिनका मूल्य 3.4 अरब डॉलर था। 2024 की तीसरी तिमाही की तुलना में यह आंकड़ा वॉल्यूम को लेकर 6 प्रतिशत और वैल्यू को लेकर 9 प्रतिशत अधिक है। इसमें पब्लिक मार्केट एक्टिविटी भी शामिल हैं। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। ग्रांट थॉर्नटन भारत के कंज्यूमर एंड रिटेल डीलट्रैकर के अनुसार, पब्लिक मार्केट डील को छोडक़र, विलय और अधिग्रहण तथा निजी इक्विटी (पीई) सौदों की संख्या 2.3 अरब डॉलर के 121 डील के बराबर रही, जिससे वैल्यू को लेकर तिमाही आधार पर 168 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह उछाल 10 करोड़ डॉलर से अधिक की पांच हाई-वैल्यू डील और 1 करोड़ डॉलर से अधिक की 26 डील के कारण दर्ज किया गया, जिनका कुल योगदान 2 अरब डॉलर और कुल डील वैल्यू का 89 प्रतिशत था। यह जो पैमाने, ब्रांड की मजबूती और विकासोन्मुखी उपभोक्ता व्यवसायों में निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और कंज्यूमर इंडस्ट्री लीडर, नवीन मालपानी ने कहा, तीसरी तिमाही भारत के कंज्यूमर और रिटेल सेक्टर के लिए एक निर्णायक उछाल लेकर आई, जिसमें डील की संख्या बढक़र 132 हो गई और मूल्य 3.4 अरब डॉलर को पार कर गए, जो पिछली तिमाही की तुलना में लगभग चार गुना अधिक है। यह सुधार कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरणों पर निवेशकों के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने और फूड प्रोसेसिंग एवं ई-कॉमर्स में निरंतर गतिविधि के कारण हुआ। मालपानी ने आगे कहा कि इस तिमाही में आउटबाउंड विलय और अधिग्रहण में भी तेजी देखी गई, जिसमें भारतीय कंज्यूमर प्लेयर्स प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार करने और वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने के लिए सीमा पार अधिग्रहण कर रहे हैं। कपड़ा, परिधान और सहायक उपकरण प्रमुख फोकस बने रहे। जिससे महत्वपूर्ण विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी प्रवाह आकर्षित हुआ, जबकि फूड प्रोसेसिंग और ई-कॉमर्स क्षेत्रों को त्योहारी सीजन की गति का लाभ मिला, ऑनलाइन बिक्री में उछाल और क्विक कॉमर्स ने उपभोक्ताओं का बढ़ता ध्यान आकर्षित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में एवरेज डील साइज 7.2 मिलियन डॉलर से बढक़र 18.8 मिलियन डॉलर हो जाना, वैल्यू-ड्रिवन लेनदेन की ओर बदलाव को दर्शाता है, जो बड़े, कैपिटल-इंटेन्सिव डील्स और पूरे क्षेत्र में चुनिंदा रणनीतिक निवेशों पर आधारित है। 2025 की तीसरी तिमाही में पब्लिक मार्केट एक्टिविटी में मजबूत सुधार देखा गया, जिसमें छह आईपीओ और पांच क्यूआईपी ने 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाए, जो वॉल्यूम को लेकर 5.5 गुना वृद्धि और 2025 की दूसरी तिमाही के 36 मिलियन डॉलर से मूल्य में शानदार उछाल को दर्शाता है।


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